ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News Astrology Discourseswami dayananda saraswati in the new consciousness of the society communication

स्वामी दयानंद सरस्वती ने किया समाज में नई चेतना का संचार

स्वामी दयानंद सरस्वती ने देश में फैली कुरीतियों का विरोध करते हुए समाज में नई चेतना का संचार किया। विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी वैदिक परंपराओं को नया जीवन देकर इन्हें पुनः स्थापित किया। स्वामी जी...

स्वामी दयानंद सरस्वती ने किया समाज में नई चेतना का संचार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 19 Feb 2017 04:08 AM
ऐप पर पढ़ें

स्वामी दयानंद सरस्वती ने देश में फैली कुरीतियों का विरोध करते हुए समाज में नई चेतना का संचार किया। विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी वैदिक परंपराओं को नया जीवन देकर इन्हें पुनः स्थापित किया। स्वामी जी ने वेदों के प्रचार का बीड़ा उठाया और इसको पूरा करने के लिए आर्य समाज की स्थापना की। 

स्वामी जी ने जातिवाद और बाल विवाह का विरोध किया। उन्होंने नारी शिक्षा और विधवा विवाह को प्रोत्साहित किया। स्वामी दयानंद सरस्वती नें महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए मुहिम चलाई। असाधारण प्रतिभा के धनी स्वामी दयानंद सरस्वती ने समाज में फैले आडंबरों का खुलकर विरोध किया। 

गुजरात की छोटी सी रियासत मोरवी के टंकारा नामक गांव में स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म हुआ था। मूला नक्षत्र में पैदा होने के कारण उनका नाम मूलाशंकर रखा गया। दो वर्ष की आयु में ही उन्होंने गायत्री मंत्र का शुद्ध उच्चारण सीख लिया था। स्वामी दयानंद बाल्यकाल में भगवान शिव के भक्त थे। एक बार उन्होंने शिवरात्रि पर व्रत रखा। मंदिर में उन्होंने देखा कि एक चुहिया शिवलिंग पर चढ़कर नैवेद्य खा रही है। यह देख उसी क्षण से उनका मूर्ति पूजा पर से विश्वास उठ गया। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें