मंगल ग्रह की पीड़ा को शांत करता है मूंगा
मांगलिक शब्द का अर्थ कुछ अलग है लेकिन अपने निजी स्वार्थ हेतु कुछ ज्योतिष मित्र इसे राइ का पहाड़ बन देते हैं। भोलेभाले लोग इसपर तुरंत भरोसा करके बड़े भयभीत होते हैं। हम यह बात नहीं भूल सकते की बड़े-बड़े...
मांगलिक शब्द का अर्थ कुछ अलग है लेकिन अपने निजी स्वार्थ हेतु कुछ ज्योतिष मित्र इसे राइ का पहाड़ बन देते हैं। भोलेभाले लोग इसपर तुरंत भरोसा करके बड़े भयभीत होते हैं। हम यह बात नहीं भूल सकते की बड़े-बड़े वीर भी मांगलिक थे। मंगल दोष सबसे ज्यादा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। इसके लिए मूंगा रत्न धारण करना सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।
मूंगा
लाल रंग के मूंगा रत्न को मंगल ग्रह का रत्न माना जाता है। ज्योतिषी मानते हैं कि इसे धारण करने से मंगल ग्रह की पीड़ा शांत होती है। इस रत्न को भौम रत्न, पोला, मिरजान, लता मणि, कोरल, प्रवाल के नाम से भी जाना जाता है। मूंगा रत्न ज्यादातर लाल रंग का होता है परंतु यह गहरे लाल, सिंदूरी लाल, नारंगी आदि रंग के भी पाए जाते हैं।
ये हैं फायदे
-मूंगा जितना समुद्र की गहराई में होता है, इसका रंग उतना ही हल्का भी होता है।
-मेष तथा वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मूंगा रत्न, सबसे बेहतरीन माना जाता है।
-मूंगा धारण करने से नज़र नहीं लगती है और भूत-प्रेत का डर नहीं रहता है।
-आत्मविश्वास तथा सकारात्मक सोच में वृद्धि होती है।
-आकर्षण शक्ति बढ़ती है तथा लोगों का देखने का नजरिया बदलता है।
-मूंगा को पहनने से क्रूर तथा जलन का नाश हो जाता है।
-मूंगा रत्न को धारण करने से रक्त संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
-मिर्गी तथा पीलिया रोगियों के लिए यह रत्न उत्तम साबित माना गया है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।