जल का महत्व बताता है ज्येष्ठ का महीना
ज्येष्ठ माह गर्मी का महीना है। इस माह भीषण गर्मी के चलते तालाब-पोखर तक सूख जाते हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने इस माह के व्रत-त्योहारों को लेकर जल के महत्व का संदेश दिया। इस माह आने वाले व्रत त्योहार जैसे...
ज्येष्ठ माह गर्मी का महीना है। इस माह भीषण गर्मी के चलते तालाब-पोखर तक सूख जाते हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने इस माह के व्रत-त्योहारों को लेकर जल के महत्व का संदेश दिया। इस माह आने वाले व्रत त्योहार जैसे गंगा दशहरा एवं निर्जला एकादशी व्रत हमें जल बचाने का संदेश देते हैं। निर्जला एकादशी पर तो देशभर में लोग जल का दान करते हैं।
ज्येष्ठ माह में शुक्ल दशमी को गंगा दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। वहीं, निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह की शुक्ल एकादशी को रखा जाता है। इस दिन श्रद्धालु निर्जल रहकर एकादशी का व्रत रखते हैं। लोग इस दिन जल का दान भी करते हैं।
इसके अलावा ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष एकादशी को अचला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसे अपरा एकादशी नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से ब्रह्महत्या और परनिंदा जैसे पापों से मुक्ति मिलती है। ज्येष्ठ माह में आने वाले वट सावित्री व्रत की भी बहुत मान्यता है। ज्येष्ठ माह की अमावस्या पर बड़ (बरगद) के वृक्ष की पूजा की जाती है। इस व्रत को सौभाग्य और संतान प्रदान करने वाला माना जाता है। हमारी संस्कृति में यह व्रत आदर्श नारीत्व का प्रतीक माना जाता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।