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अपने लक्ष्य से भटकी उत्तर बिहार की पहली ग्रीन ट्रेन

उत्तर बिहार की पहली ग्रीन ट्रेन अपने लक्ष्य से भटक गई है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बीते साल जुलाई में मुजफ्फरपुर व यशवंतपुर के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 15228/27 को ग्रीन ट्रेन घोषित किया गया था।...

अपने लक्ष्य से भटकी उत्तर बिहार की पहली ग्रीन ट्रेन
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरSun, 19 Nov 2017 01:22 AM
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उत्तर बिहार की पहली ग्रीन ट्रेन अपने लक्ष्य से भटक गई है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बीते साल जुलाई में मुजफ्फरपुर व यशवंतपुर के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 15228/27 को ग्रीन ट्रेन घोषित किया गया था। ट्रैक व रेलवे जंक्शन को गंदगी से बचाने के लिए ट्रेन के सभी कोचों को बॉयो टायलेट से लैस किया गया था। लेकिन, अब यह ग्रीन ट्रेन पारंपारिक ट्रेन में तब्दील हो गई है। धीरे-धीरे इस ट्रेन से बॉयो टायलेट गायब होते जा रहे हैं। शनिवार को दोपहर जंक्शन पर पहुंची इस ट्रेन के कुल 24 कोच में 14 ही बॉयो टॉयलेट से लैस थे, जबकि 10 में पारंपारिक टॉयलेट था। ट्रेन के जनरल व स्लीपर के साथ एसी टू टीयर कोच से भी बॉयो टॉयलेट को हटा लिए गए है। कोच नंबर एस चार में यात्रा कर रहे हाजीपुर के भगवानपुर निवासी सूरज कुमार शर्मा ने बताया कि कोच में बॉयो टायलेट रहने से यात्रा करने में सुविधा होती थी। कहीं पर भी शौचालय के उपयोग करने की छूट थी। लेकिन, बॉयो टॉयलेट हटाए जाने से ट्रेन खड़ी होने पर शौचालय के उपयोग करने में दिक्कत आती है। वहीं, ट्रेन के एस-एक कोच में यात्रा कर रहे चंदवारा के नीरज कुमार ने बताया कि बॉयो टायलेट से जंक्शन व ट्रैक स्वच्छ रहता था। जनरल कोच में सवार जीरोमाइल के गोंविद व मुकेश राज ने बताया कि ट्रेनों में तेजी से बॉयो टॉयलेट लग रहे हैं, जबकि ग्रीन ट्रेन से बायो टायलेट को हटा लिया गया है।

एक माह बाद पुन: ग्रीन ट्रेन के रूप में चलेगी यशवंतपुर एक्सप्रेस:

स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्रीन ट्रेन के रूप में घोषित मुजफ्फरपुर व यशवंतपुर के बीच चलने वाली ट्रेन को पुन: ग्रीन ट्रेन की पहचान दिलाने की कवायद शुरू हो गई है। रेलवे के कोचिंग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रेन के कुछ बॉयो टॉयलेट को हटा लिया गया है। एक माह के अंदर बॉयो टॉयलेट से लैस कोच को फिर से ट्रेन से जोड़ा जाएगा। फिलहाल, बॉयो टायलेट से लैस कोचों की कमी चल रही है। कोचिंग डिपो अधिकारी कृष्ण मोहन वर्मा ने बताया कि दिसंबर तक यह ट्रेन अपनी पुरानी रंग में लौट आएगी।

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