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तोमर मामले में दोषी कर्मियों पर जल्द होगी कार्रवाई

दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर की डिग्री रद्द किए जाने और नए कुलपति की नियुक्ति होने के बाद मामले में दोषी कर्मियों पर कार्रवाई का रास्ता खुल गया है। डिग्री रद्द होने से अब यह तय हो...

तोमर मामले में दोषी कर्मियों पर जल्द होगी कार्रवाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 22 Mar 2017 02:12 AM
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दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर की डिग्री रद्द किए जाने और नए कुलपति की नियुक्ति होने के बाद मामले में दोषी कर्मियों पर कार्रवाई का रास्ता खुल गया है। डिग्री रद्द होने से अब यह तय हो गया है कि तोमर की डिग्री फर्जी थी। इसलिए तोमर के दाखिले से लेकर डिग्री जारी करने तक में जितने कर्मी दोषी पाए गए हैं, उन पर भी कार्रवाई होनी तय है। नए कुलपति प्रो. नलिनीकांत झा को कार्रवाई करने का निर्णय लेने का अधिकार होगा। ऐसे में उनके योगदान के बाद जल्द कार्रवाई तय माना जा रहा है।

कुछ दोषी कर्मियों को पुलिस ले जा सकती है दिल्ली

मामले में बुधवार को एक बार फिर दिल्ली पुलिस के भागलपुर विश्वविद्यालय आने को भी कर्मियों पर कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें उन सभी 15 कर्मियों के नाम शामिल किए गए हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय ने अपनी आंतरिक जांच में दोषी पाया है। सूत्रों ने बताया कि हो सकता है कि पुलिस कुछ दोषी कर्मियों को पूछताछ के लिए दिल्ली ले जा सकती है। कर्मियों में भी इसको लेकर भय का माहौल है। इधर, प्रभारी कुलपति प्रो. क्षमेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने ई-मेल से भागलपुर विश्वविद्यालय आने की जानकारी दी है। ई-मेल में 22 और 23 मार्च का उल्लेख है। बताया गया कि पुलिस के लिए दोनों दिन विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस में कमरा बुक है।

नये वीसी अपने स्तर से कर सकते हैं कार्रवाई

दोषी कर्मियों पर कार्रवाई का निर्णय पूर्व कुलपति प्रो. रमा शंकर दूबे के समय अनुशासन समिति, परीक्षा बोर्ड और सिंडिकेट ने लिया था। लेकिन उस समय प्रो. दूबे के निर्णय लेने के अधिकार पर रोक लगी हुई थी जिस वजह से विश्वविद्यालय ने कार्रवाई के निर्णय पर अमल करने के लिए राजभवन से अनुमति मांगी थी। एक पदाधिकारी ने बताया कि नए कुलपति पर किसी तरह की बंदिश नहीं होगी इसलिए उन्हें कार्रवाई के लिए राजभवन से अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह अपने स्तर से कार्रवाई कर सकते हैं।

दूसरी तरफ कार्रवाई के प्रारूप पर सीनेट में कर्मचारियों के प्रतिनिधि सुशील मंडल ने आपत्ति जताते हुए मांग की है कि दोषी शिक्षकों पर भी कार्रवाई हो। विश्वविद्यालय ने 15 में से केवल तीन कर्मियों के निलंबन और इंक्रीमेंट काटने की अनुशंसा की है और तीनों शिक्षकेतर कर्मचारी हैं। दोषी शिक्षकों पर विश्वविद्यालय ने सिर्फ परीक्षा के कार्यों से अलग रखने की कार्रवाई की है।

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