आरएमआरआईएम पर कालाजार उन्मूलन की जवाबदेही
मुजफ्फरपुर में कालाजार उन्मूलन की जवाबदेही आरएमआरआईएम (राजेन्द्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीयूट ऑफ मेडिकल) पटना को दी गयी है। बेहतर व गुणवत्तापूर्वक केमिकल के छिड़काव व इलाज के लिए केन्द्र व डब्ल्यूएचओ की...
मुजफ्फरपुर में कालाजार उन्मूलन की जवाबदेही आरएमआरआईएम (राजेन्द्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीयूट ऑफ मेडिकल) पटना को दी गयी है। बेहतर व गुणवत्तापूर्वक केमिकल के छिड़काव व इलाज के लिए केन्द्र व डब्ल्यूएचओ की अनुशंसा के बाद बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है।
फैसले के तहत अब विशेषज्ञों की देखरेख में छिड़काव होगा। अगर किसी पीएचसी में कोई शिकायत होगी तो सीधे प्रधान सचिव संज्ञान में लेंगे। इसके अलावा पहली बार बीमारी से प्रभावित गांव के पांच सौ मीटर वाले टोले व गांवों में छिड़काव होगा। जिले के माइक्रोप्लान में 811 गांव की संख्या को घटाकर 673 किया गया था। अब गांवों की संख्या तीन सौ से अधिक और बढ़ जाएगी। इस बारे में जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि आरएमआरआईएम को जिम्मेवारी दी जा रही है। इसका दिशा निर्देश अभी तय नहीं हुआ है। 20 मार्च से छिड़काव होगा। इससे पहले माइक्रोप्लान तैयार हो जाएगा।
तीन प्रखंडों पर कड़ी नजर
जिले के पारू, सरैया व मोतीपुर प्रखंडों पर केन्द्र व राज्य सरकार की कड़ी नजर है। इसमें पारू एक बार फिर चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। पारू में जनवरी 2016 में नौ नये मरीज मिले थे। इस बार जनवरी से फरवरी के दूसरे सप्ताह तक संख्या 17 हो गयी है। इसी तरह सरैया में 2016 में चार व इस बार जनवरी में चार मरीज मिले हैं। मोतीपुर में जनवरी से फरवरी 2016 तक तीन नए मरीज मिले थे। वहीं इस बार पांच नये मरीज मिले हैं। पारू में 16 संदिग्ध मरीजों की जांच चल रही है। इसमें एक में कालाजार की पुष्टि हो गयी है।