विकल्प मिलने पर ही खाली होगा बैरक : डीआईजी
विकल्प मिलने पर ही बैरक का कमरा खाली किया जाएगा। बैरक में पुलिस के रहन-सहन का अलग कल्चर है। डिसिप्लिन भी अलग होता है। ये बातें सोमवार को आरपीएफ के डीआईजी चैतन्य मरांडी ने कहीं। वे जंक्शन स्थित आरपीएफ...
विकल्प मिलने पर ही बैरक का कमरा खाली किया जाएगा। बैरक में पुलिस के रहन-सहन का अलग कल्चर है। डिसिप्लिन भी अलग होता है। ये बातें सोमवार को आरपीएफ के डीआईजी चैतन्य मरांडी ने कहीं। वे जंक्शन स्थित आरपीएफ बैरक का कमरा खाली करने के डीआरएम के निर्देश के बाद निरीक्षण को पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि रेल प्रशासन व आरपीएफ के बीच गलतफहमी हो गयी है। इस कारण बैरक का वेरिफिकेशन करने आया हूं। इनके बीच के कम्युनिकेशन गैप को दूर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि डीआरएम के आदेश की जानकारी रेल प्रशासन ने अबतक उन्हें नहीं दी है। बैरक में पहले से ही जवानों के लिए कमरा कम पड़ रहा है। एक और कमरा छोड़ देने से समस्या बढ़ जाएगी। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आरपीएफ पोस्ट के केस डायरी सहित अन्य पुराने केसों का अवलोकन किया।
फूट ओवरब्रिज के नीचे से हटेगा कार्यालय :
जंक्शन के फूट ओवर ब्रिज के नीचे के आरपीएफ कार्यालय को हटाया जाएगा। डीआईजी ने कहा कि सुरक्षा व निर्माण को लेकर इसे खाली किया जाएगा। इसको डीसीआई के पूर्व कार्यालय में शिफ्ट किया जाएगा। लेकिन, यहां इंटीग्रेटेड सिस्टम का कंट्रोल रूम बना गया है। अगर दिक्कत हुई तो दूसरी जगह की मांग की जाएगी। आरपीएफ को सबऑर्डिनेट के लिए मिले रूम को भी खाली करने का निर्देश मिला है। इसपर विचार किया जा रहा है।