तिरहुत नहर के विस्तारीकरण के विरोध में सत्याग्रह
तिरहुत नहर विस्तारीकरण से प्रभावित किसानों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट के धरनास्थल पर एक दिवसीय सत्याग्रह किया। इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री से फरक्का बराज की तरह गंडक व तिरहुत नहर के विस्तारीकरण पर...
तिरहुत नहर विस्तारीकरण से प्रभावित किसानों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट के धरनास्थल पर एक दिवसीय सत्याग्रह किया। इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री से फरक्का बराज की तरह गंडक व तिरहुत नहर के विस्तारीकरण पर भी पुनर्विचार की मांग की।
तिरहुत नहर विस्तार विरोधी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जेपी सेनानी व पूर्व मुखिया मोहन मुकुल की अध्यक्षता में धरना सह सत्याग्रह कार्यक्रम हुआ। इसमें शामिल सभी किसानों ने नहर विस्तारीकरण को अनुपयोगी व अहितकर बताया। किसान नेता रामजी सिंह ने कहा कि सरैसा क्षेत्र जहां कम पानी पर फसलें होती हैं, वहां नहर की जरूरत नहीं है। भाजपा नेता अर्जुन राम ने कहा कि सरकार जबरन किसानों को हैजा की सूई दे रही है। वह तिरहुत नहर का विस्तार करना चाहती है। इसके विरोध में हम सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे। जेपी सेनानी डीके विद्यार्थी ने कहा कि कार्यस्थल पर 48 दिनों तक सत्याग्रह के बाद आज डीएम के समक्ष धरना पर बैठे हैं। सरकार को नहर विस्तार पर पुन: विचार करना चाहिए। आम आदमी पार्टी के जिला प्रवक्ता हेमनारायण विश्वकर्मा ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में लोक की बात नहीं सुनी जा रही है। मौके पर यदुलाल सिंह, रोहित कुमार, डॉ. रमेशचंद्र, रामगुलाम सिंह, शिवजी राय, वासुदेव प्रसाद, चंदा देवी, चंद्रकला देवी व नूतन देवी थीं।