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क्या है टीम इंडिया की इस जीत का सच

मुमकिन है कि आपको यह बात बेतुकी लगे। आंकड़े तो इस बात की गवाही बिल्कुल नहीं देंगे। खास तौर पर जब पूरे मैच में तेज गेंदबाजों के खाते में सिर्फ पांच विकेट आए हों। पहली पारी में सिर्फ दो और दूसरी पारी...

क्या है टीम इंडिया की इस जीत का सच
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 09 Mar 2017 12:56 AM
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मुमकिन है कि आपको यह बात बेतुकी लगे। आंकड़े तो इस बात की गवाही बिल्कुल नहीं देंगे। खास तौर पर जब पूरे मैच में तेज गेंदबाजों के खाते में सिर्फ पांच विकेट आए हों। पहली पारी में सिर्फ दो और दूसरी पारी में तीन। फिर भी जानकारों से पूछिए, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों से पूछिए, और तो और विराट कोहली के दिल से पूछिए, वे बताएंगे कि बेंगलुरु में अगर भारतीय टीम ने 75 रनों से जीत हासिल की, तो उसका श्रेय ईशांत शर्मा और उमेश यादव को जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन दोनों गेंदबाजों ने वे हालात पैदा कर दिए कि ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में बहुत बड़ी बढ़त नहीं बना पाई और दूसरी पारी में तो उसके लिए 188 रनों का लक्ष्य ही पहाड़ जैसा हो गया। ईशांत शर्मा और उमेश यादव की गेंदबाजी पर बात करें, उसके पहले बता दें कि ईशांत ने पहली पारी में मिचेल मार्श का और दूसरी पारी में मैट रेनशा का विकेट लिया था। उमेश ने पहली पारी में शन मार्श और दूसरी पारी में स्टीव स्मिथ और शन मार्श का विकेट लिया। उन्होंने दूसरी पारी में दोनों को एलबीडब्ल्यू आउट किया। वह भी सिर्फ 10 रनों के भीतर। असल में मैच का रुख यहीं से बदला। इसी के बाद अचानक 188 रनों का लक्ष्य भी ऑस्टे्रलिया जैसी टीम के लिए बहुुत बड़ा दिखने लगा और बाकी का काम भारतीय स्पिनरों ने कर दिया। 
अब इसी बात को और मजबूत करने के लिए इन दोनों गेंदबाजों की गेंदबाजी का विश्लेषण करते हैं। पहली पारी में भारतीय टीम सिर्फ 189 रनों पर सिमटी थी। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन जिस आंकड़े पर गौर करना चाहिए, वह ईशांत शर्मा की गेंदबाजी का है। पहली पारी में उन्होंने कमाल की गेंदबाजी की। 27 ओवर, आठ मेडन और एक विकेट, इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है 1़ 77 का इकोनॉमी रेट, जो बताता है कि ईशांत ने किस तरह से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को रन नहीं बनाने दिया। 
पहली पारी में कंगारुओं ने 122़ 4 ओवर बल्लेबाजी की, लेकिन रन जोड़े सिर्फ 276, जिसका औसत था                    2़ 25। यहीं पर वह फर्क पड़ गया, जिसने कंगारुओं को बड़ी बढ़त लेने से रोक दिया। कंगारुओं का बड़ी बढ़त न ले पाना ही इस मैच में भारतीय टीम की वापसी और फिर जीत की वजह बना। भारतीय टीम ने 2़ 25 से ज्यादा के औसत से दोनों पारियों में रन बनाए। दूसरी पारी में उमेश यादव का वह एक स्पेल काफी खतरनाक था। दूसरी पारी का 15वां ओवर था, जब रवींद्र जडेजा को हटाकर उमेश यादव को गेंद दी गई। पहली ही गेंद पर उन्होंने शन मार्श को ‘बीट’ किया। ओवर की आखिरी गेंद पर शन मार्श ने शॉट खेलने की कोशिश ही नहीं की। इसके एवज में उन्हें आउट करार दिया गया। इसके बाद के ओवर में उमेश ने सिर्फ दो रन दिए, उसके बाद का ओवर ‘मेडन’ रहा। इस दौरान हर गेंद कंगारुओं के लिए मुश्किल पैदा करने वाली रही। अगले ही ओवर में उमेश को संतुलित गेंदबाजी का लाभ मिला, जब उन्होंने स्टीव स्मिथ का विकेट चटकाया। इसी के बाद मैच में भारत का पलड़ा भारी दिखने लगा। 
दोनों ही पारियों में ईशांत शर्मा और उमेश यादव की लाइन-लेंथ, रफ्तार और उससे कहीं ज्यादा ‘रिवर्स स्विंग’ जबरदस्त हथियार साबित हुई। क्रिकेट में एक मशहूर कहावत है ‘यू मिस-आई हिट’। उमेश और ईशांत ने इसी कहावत को ध्यान में रखकर गेंदबाजी की ‘लेंथ’ पर काम किया। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज चूके नहीं कि पवेलियन का रास्ता उनका इंतजार कर रहा था। विकेट पर गेंद की उछाल को समझते हुए ईशांत और उमेश की रणनीति दुरुस्त साबित हुई। 
इसी के साथ यह भी सच है कि पहली पारी में रवींद्र जडेजा और दूसरी पारी में आर अश्विन की गेंदबाजी भारत की जीत के लिए अहम साबित हुई। पहली पारी में केएल राहुल के 90 रन और दूसरी पारी में 51 रनों की पारी भी बहुत अहमियत रखती है, इसीलिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। इन सभी प्रदर्शनों का ही नतीजा यह जीत है, जिसकी बदौलत भारतीय टीम ने सीरीज में बराबरी की है। इन तथ्यों और आंकड़ों के बावजूद ईशांत शर्मा और उमेश यादव के प्रदर्शन की बात इसलिए जरूरी है, ताकि सनद रहे कि इन दो गेंदबाजों ने कंगारुओं के खिलाफ जीत हासिल करने में कितना अहम रोल निभाया था। 
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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