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झारखंड के वीर सपूतों को किया याद

संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से रांची कॉलेज में आयोजित 45 दिवसीय कार्यशाला का समापन नाटक के मंचन के साथ हुआ। मंगलवार को कार्यशाला में प्रशिक्षित हुए कलाकारों ने जवाहर नगर सभागार में नाटक ‘झारखंड के वीर...

झारखंड के वीर सपूतों को किया याद
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 21 Mar 2017 09:11 PM
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संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से रांची कॉलेज में आयोजित 45 दिवसीय कार्यशाला का समापन नाटक के मंचन के साथ हुआ। मंगलवार को कार्यशाला में प्रशिक्षित हुए कलाकारों ने जवाहर नगर सभागार में नाटक ‘झारखंड के वीर सपूत की जीवंत प्रस्तुति देकर कलाप्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसमें भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान देने झारखंड के महापुरुषों के संघर्ष को प्रभावपूर्ण ढंग से उभारा गया।

दिलीप तेतरवे, संजय लाल और पुरुषोत्तम कुमार लिखित इस नाटक का निर्देशन किया संजय लाल ने। नाटक की शुरुआत झारखंड की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से हुई। जिसमें- भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, बुधु भगत, सिद्धू-कान्हू, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, जयमंगल पांडेय, शेख भिखारी, नीलांबर-पीतांबर, तेलंगा खड़िया, चांद भैरव जैसे ऐतिहासिक चरित्रों को खूबसूरती से पिरोया गया। देश की आजादी के लिए उनका मर-मिटने का जज्बा, गुलामी की जंजीरों को तोड़ने की बेचैनी को कलाकारों ने मंच पर बखूबी उभारा। नाटक में झारखंड के पारंपरिक परिधानों और नागपुरी संगीत का बेहतर इस्तेमाल हुआ। इसके आर्ट रिसोर्स पर्सन थे वरिष्ठ चित्रकार व मूर्तिकार हरेन ठाकुर, जिसकी झलक मंच सज्जा में दिखी। उन्होंने देश की गुलामी के दौरान झारखंड के परिवेश को बखूबी अपनी कलात्मक सोच से उभारा। लगभग 50 कलाकारों अपनी छोटी-बड़ी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय करने की कोशिश कीमुख्य कलाकारों में- स्वस्तिका शर्मा, अमरनाथ कुमार, सन्नी कुमार, कृतिका खुशबू, अशोक गोप, भोलू पाठक, रोहित पांडेय, कुंदन पाठक, सचिन राजपूत, आयुषी, सचिन सिंह, अवनीश भारद्वाज, हर्ष प्रसाद सहित अन्य कलाकार शामिल थे। सेट डिजाइन- शरद प्रभाकर, प्रकाश सज्जा- दीपक चौधरी, परिधान सज्जा- सुनीता कुमारी, प्रॉपर्टी डिजाइन- कुलदीप सोरेन और संगीत- अजीत श्रीवास्तव का था।

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