संताली रंग में दिखीं झारखंड की राज्यपाल, गाया गीत
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू सोमवार को मधुबन हटिया में पूरी तरह संताली रंग में दिखीं। उन्होंने मरांग बुरू पारसनाथ में सावन्ता सुसार बैसी की ओर से आयोजित बाहा पर्व में संताली भाषा में गीत गाया और भाषण...
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू सोमवार को मधुबन हटिया में पूरी तरह संताली रंग में दिखीं। उन्होंने मरांग बुरू पारसनाथ में सावन्ता सुसार बैसी की ओर से आयोजित बाहा पर्व में संताली भाषा में गीत गाया और भाषण दिया। राज्यपाल ने इस मौके पर हुई धर्मसभा में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि बाहा पर्व प्रकृति की पहली पूजा है। यह हर्षोल्लास का त्योहार है। राज्यपाल ने कहा कि हाल के दिनों में आदिवासी समाज के लिए कई योजनाएं बनी हैं। शिक्षा की कमी के कारण लोगों को इसकी जानकारी नहीं हो पाती।
राज्यपाल ने जो गीत गाया, उसके बोल इस प्रकार थे:
आम गे सारी सिरजोन जाला आम गे दुक देयायिच्
आम गे सिरजन पारोम दाड़ेयिच
जोतो को सेपेञ राकापइच
नायो गो होर दो उदुग में
गेयान रासा तेरांड़ाञ में
जिवी होड़मो लासांड़हेदोक् मां
आम गे नायो जोहार जाहेर आयो
आम गे नायोगो सोरोसोती
आम गे लाहान्ती ,आम गे नायो
दे सोनोत रारास इरचियाञ में
जोलोन जिवी राड़ेज
जिवी होड़मो लासांडहेदोक् मां
इस गीत का हिंदी भावार्थ यह है
आप ही सच्चे सृष्टिकर्ता, दुख से उबारने वाली
आप ही इस जीवन यात्रा को पार कराने वाली
सबको उबारने वाली
हे मां सृष्टिकर्ता मुझे रास्ता दिखाईये
ज्ञान रस से मुझे तृप्त कीजिए
इस जीवन को आप ही स्वच्छ निर्मल बनाईए
हे मां आप ही जाहेर एरा
आप ही मां सरस्वती,आप ही मां भगवती
जीवन पथ पर आगे बढ़ाने वाली
गुझे निश्छल,निष्कपट बनाईये
जीवन की तृष्णा बुझाइये
इस जीवन को आप ही स्वच्छ,निर्मल बनाईये
(अनुवाद डॉ प्रोमेदिनी हांसदा ने किया है)