तीन लाख आदिवासी छात्रों को तोहफा, 40% अंक पर ही मिलेगी छात्रवृत्ति
राज्य सरकार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए जरूरी अंक सीमा को घटाने का फैसला किया है। अब आदिवासी छात्रों को 40 फीसदी अंक लाने पर ही छात्रवृत्ति मिलेगी। अनुसूचित जाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों...
राज्य सरकार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए जरूरी अंक सीमा को घटाने का फैसला किया है। अब आदिवासी छात्रों को 40 फीसदी अंक लाने पर ही छात्रवृत्ति मिलेगी। अनुसूचित जाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति पाने के लिए अब 45 फीसदी अंक लाने होंगे। पहले 50 फीसदी से अधिक अंक वालों को ही छात्रवृत्ति मिलती थी। सरकार के इस फैसले से करीब तीन लाख आदिवासी छात्रों को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मुद्दे पर बुधवार को आदिवासी विधायकों के साथ बैठक की। इसमें शिवशंकर उरांव, विमला प्रधान, मेनका सरदार, लक्ष्मण टुडू, हरेकृष्ण सिंह, गंगोत्री कुजूर, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, कल्याण सचिव और अन्य अधिकारी शामिल थे।
मुख्य सचिव ने छात्रवृत्ति के लिए आए तीन लाख आवेदनों में गड़बड़ी होने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। इस पर शिवशंकर उरांव ने कहा कि इसमें राज्य में और बाहर पढ़ने वाले छात्र शामिल हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ फर्जी स्कूल-कॉलेजों के छात्रों ने भी आवेदन दिया है। बैठक में इस मामले की जांच कराने का फैसला हुआ।
छात्रवृत्ति घोटाले का मामला भी उठा। सीएम ने कहा कि इसकी जांच कराएंगे। ऑनलाइन आवेदन की शर्त बदलने की मांग की गई। नए सिरे से आवेदन मंगाने का फैसला भी हुआ।
विधायकों का कहना था कि शिक्षकों की कमी के कारण बेहतर पढ़ाई नहीं होती है। इसके कारण छात्र इतने अंक नहीं ला पा रहे हैं।
शिवशंकर उरांव ने कहा कि बैठक में कई फैसले लिए गए। अब आदिवासी छात्रों को छात्रवृत्ति मिलेगी। गड़बड़ी करने वाले कॉलेजों की जांच होगी। इससे कम से कम तीन लाख छात्रों को लाभ मिलेगा।