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झारखंड में धान खरीद में नियम बनी समस्या

राज्य में धान खरीद के लिए बने नियम ही सबसे बड़ी बाधा बन रही है। धान क्रय केंद्र तक किसान कम पहुंच रहे हैं । धान खरीद की रफ्तार काफी धीमी है। सरकार ने जो लक्ष्य तय किया है, वह अभी दूर है। स्थिति फिर...

झारखंड में धान खरीद में नियम बनी समस्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Feb 2017 07:22 PM
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राज्य में धान खरीद के लिए बने नियम ही सबसे बड़ी बाधा बन रही है। धान क्रय केंद्र तक किसान कम पहुंच रहे हैं । धान खरीद की रफ्तार काफी धीमी है। सरकार ने जो लक्ष्य तय किया है, वह अभी दूर है। स्थिति फिर बिगड़ती जा रही है और बिचौलियों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है।

खाद्य व आपूर्ति मंत्री सरयू राय भी धान खरीद की रफ्तार से असंतुष्ट हैं और वह एक मार्च से वस्तु स्थिति जानने के लिए क्षेत्र में का दौरा करेंगे।क्या है नियमःधान खरीद के लिए 472 केंद्र खोले गए हैं। नियम के तहत किसानों को पंजीकरण कराना है। किसानों को अपनी पहचान के लिए भूमि का ब्योरा देना है। इसके बाद उन्हें एसएमएस किया जाएगा और तीन दिन बाद क्रय केंद्र पर किसानों को धान बेचने पहुंच जाना है। धान बेचने के तीन दिन के भीतर उनके खाते में राशि भेज दी जाएगी। उधर राइस मिल को पहले चावल देना है और उसके अनुपात में धान लेना है।

क्या हो रही परेशानी

लोगों की मानें तो धान खरीद के लिए किसानों ने पंजीकरण कम कराया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि ज्यादातर लोग बंटाई पर काम करते हैं। जमीन का मालिकाना हक उनके पास नहीं है। जिनकी जमीन है, वह किसान को लिख कर नहीं देते, नतजीतन वह क्रय केंद्र में धान नहीं बेच पा रहे। कुछ जगहों पर क्रय केंद्र में धान रखने की जगह उपलब्ध नहीं होने के कारण बंद हैं। राईस मिल द्वारा पहले चावल देने की बात को लेकर भी परेशानी हो रही है। कई मिल मालिक पहले चावल नहीं दे रहे। बगैर एसएमएस के अगर किसान धान बेचने पहुंच रहे तो क्रय केंद्र में लिया नहीं जा रहा। कुछ जगहों से यह भी शिकायत मिली है कि धान बेचने के बाद समय पर बैंक में रकम नहीं पहुंच रही।

मंत्री जाएंगे क्षेत्र

खाद्य व आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने दो दिन पहले ही एक से 30 मार्च तक राज्य के पांचों प्रमंडलों का दौरा करने की घोषणा की है। उन्होंने धान खरीद की रफ्तार पर चिंता भी जताई है और इस बारे में विभागीय सचिव को पत्र भी लिखा है।

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