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कमजोर वर्ग के साथ बच्चों और कैदियों को विधिक सहायता मिले: जस्टिस गोयल

समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के साथ-साथ बच्चों और कैदियों को भी विधिक सहायता प्रदान करने पर काम होना चाहिए। कई कैदी किए गए अपराध की सजा से अधिक समय जेलों में काट लेते हैं, क्योंकि उनकी तरफ से पैरवी...

कमजोर वर्ग के साथ बच्चों और कैदियों को विधिक सहायता मिले: जस्टिस गोयल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 26 Feb 2017 07:34 PM
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समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के साथ-साथ बच्चों और कैदियों को भी विधिक सहायता प्रदान करने पर काम होना चाहिए। कई कैदी किए गए अपराध की सजा से अधिक समय जेलों में काट लेते हैं, क्योंकि उनकी तरफ से पैरवी करने वाला कोई नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आदर्श गोयल ने यह बात कही। वह रविवार को रांची के न्याय सदन में विधिक सेवा प्राधिकार के राज्यस्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में हाईकोर्ट के जज एवं सभी जिलों के जिला जज और विधिक सेवा प्राधिकार से जुड़े लोग उपस्थित थे।

जस्टिस गोयल ने कहा कि जेलों में समय- समय पर विधिक सहायता शिविर का आयोजन होना चाहिए। बच्चों को भी कानून की जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने इस दिशा में झालसा की ओर से किए जाने वाले कार्यों की सराहना भी की। झारखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती ने कहा कि झालसा समाज के कमजोर वर्ग के लोगों और जरूरत मंद को विधिक सहायता दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले साल कई काम किए गए हैं। झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल ने कहा कि पिछले दो साल में रांची जिला को नालसा ने अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कृत किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में करीब तीन लाख मामले लंबित हैं। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने झालसा के माध्यम से स्कूली बच्चों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया। जस्टिस एचसी मिश्र ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका का यह दायित्व है कि वह सभी को सुलभ और सस्ता न्याय मिले। मौके पर हाईकोर्ट के सभी जज, महाधिवक्ता, अपर महाधिवक्ता, वरीय अधिवक्ता एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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