ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देश'जवाहिरी की बेताबी ने खोदी लादेन की कब्र'

'जवाहिरी की बेताबी ने खोदी लादेन की कब्र'

अलकायदा में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाला अयमन अल जवाहिरी संगठन का मुखिया बनने को बेताब था और उसने ऐबटाबाद में छिपे ओसामा बिन लादेन के पास बार-बार अपने एक संदेशवाहक को भेजा, जिससे सीआईए ने पूछताछ...

'जवाहिरी की बेताबी ने खोदी लादेन की कब्र'
एजेंसीTue, 08 Nov 2011 01:10 PM
ऐप पर पढ़ें

अलकायदा में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाला अयमन अल जवाहिरी संगठन का मुखिया बनने को बेताब था और उसने ऐबटाबाद में छिपे ओसामा बिन लादेन के पास बार-बार अपने एक संदेशवाहक को भेजा, जिससे सीआईए ने पूछताछ की।

यह खुलासा बाजार में आई एक किताब सील टॉरगेट जेरोनिमो में किया गया है, जिसमें कहा गया है कि आईएसआई अधिकारी समय-समय पर लादेन की जांच भी करते थे।

यह किताब सील्स के पूर्व कमांडो चक फैरर ने लिखी है। दो मई को ऐबटाबाद में अमेरिकी हमले में लादेन के मारे जाने के घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्यौरा देने वाली यह किताब लादेन को मारने वाली सील्स टीम के सदस्यों, अमेरिकी सेना और ओबामा प्रशासन के अधिकारियों के साक्षात्कार और उनसे की गई बातचीत पर आधारित है।

किताब में लिखा गया है कि जवाहिरी अक्सर अबू अहमद अल कुवैती को लादेन के परिसर में भेजता था। सूचनाओं के आधार पर निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ऐबटाबाद स्थित लादेन के परिसर की जानकारी अमेरिका को जवाहिरी की गतिविधियों से ही मिली थी।

फैरर ने किताब में लिखा है कि वहां सुरक्षा संबंधी कई छोटी बड़ी चूक हुईं। इनमें से कुछ तो ऐसी थीं कि उन पर हंसी आ सकती है। किताब के अनुसार, जवाहिरी ने तो यहां तक कोशिश की कि रूसी बिन लादेन को मार डालें लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इसमें आगे लिखा गया है जवाहिरी को उम्मीद थी कि बिन लादेन को एडीसन्स बीमारी हो जाएगी और वह मर जाएगा। लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। फिर जवाहिरी ने आखिरी दांव खेला। उसने एक संदेशवाहक को ओसामा के पास भेजना शुरू किया, जिसका भेद अमेरिकी खुफिया अधिकारी पहले ही पता कर चुके थे। और फिर वही हुआ जो होना था। अमेरिकियों को उसका पता चल गया।

न्यूयॉर्क के सेंट मार्टिन्स प्रेस से प्रकाशित कुल 225 पृष्ठों की इस किताब में कहा गया है कि जवाहिरी इस्लामी सरकार के अपने विचार को अमल में लाने के लिए 30 साल तक हिंसा के इस्तेमाल का इच्छुक रहा। लेकिन अब मुस्लिम तानाशाही को उखाड़ फेंक रहे हैं और शरीया कानून नहीं बल्कि लोकतंत्र का आह्वान कर रहे हैं।

फैरर ने आगे लिखा है, जवाहिरी ने कोशिश की कि ओसामा पश्चिम के खिलाफ हमले तेज करे। बार बार रसायनिक हथियारों की अमेरिका में तस्करी करने की योजना बनाई लेकिन नाकामी मिली। 2009 के अंत तक उसने अलकायदा का पूरा नियंत्रण बिन लादेन से अपने हाथ में लेने का विचार किया।

किताब के अनुसार अपने आका से वह कई मायने में बढ़त रखता था। वह अत्यंत क्रूर था और अंग्रेजी पर उसकी पकड़ थी। अलकायदा के बारे में उसे अमेरिकी खबरें मिलती रहती थीं। वह खुद को मुहैया कराए गए सुरक्षित आवासों में आता जाता रहता था। वह अबू अहमद अल कुवैती के विचित्र रंगों में पेंट किए गए ट्रक के जरिये अपने संदेश भेजता था। ट्रक और इसके बार-बार आने जाने ने अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के कान खड़े कर दिये।

फैरर ने आगे लिखा है, अफगान युद्ध के दौरान जवाहिरी लगातार ओसामा से लड़ने के लिए आगे आने का अनुरोध करता रहा। वर्ष 1984 से 2003 तक ओसामा के निजी चिकित्सक के तौर पर जवाहिरी ने कई बार उसकी जांच और इलाज किया। जवाहिरी एक प्रशिक्षित चिकित्सक था जिसने पश्चिम एशिया के बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक में पढ़ाई की थी। पर वह ओसामा की पीठ के दर्द, निम्न रक्तचाप और बार-बार बेहोश होने का कारण पता नहीं कर पाया।

पूर्व सील कमांडो ने किताब में लिखा है कि बीमार बिन लादेन की नमक के प्रति चाहत खुल कर सामने आने के बाद भी जवाहिरी ने उसे कुछ नहीं बताया और आसानी से उपलब्ध होने वाली वह दवाएं तक उसके पास नहीं पहुंचने दीं जिससे उसकी बीमारी पर नियंत्रण होता।

ऐबटाबाद स्थित परिसर से मिली सामग्री और दस्तावेजों का संदर्भ देते हुए फैरर ने कहा है कि बिन लादेन खुद जवाहिरी को पसंद नहीं करता था और अपने आतंकी संगठन के नए नेतृत्व से उसे हटाने की योजना भी बना रहा था।

किताब में लिखा गया है सील दस्ते को करीब पांच सौ डेटा प्रणालियां, हार्ड ड्राइव, कंप्यूटर, लैपटॉप, मॉनिटर, अरबी तथा अंग्रेजी में लिखी गई पुस्तिकाएं, दस्तावेज, वित्तीय रिकॉर्ड और एक नए अलकायदा के वायर डायग्राम मिले जिनकी योजना ओसामा बना रहा था। इसमें उसने जवाहिरी को शामिल नहीं किया था।

फैरर की किताब के अनुसार ओसामा खबरें भी देखता था। वह सोचता था कि मिस्र में क्रांति शुरू हो गई और जवाहिरी की अलकायदा के नेतृत्व में शामिल होने की सैद्धांतिक योग्यता चली गई। बिन लादेन मिस्र के खिलाफ हमले नहीं चाहता था और दस्तावेजों से पता चलता है कि जवाहिरी तहरीर चौक पर बम विस्फोट की योजना बना रहा था।

किताब में लिखा है कि बिन लादेन के दस्तावेजों का अध्ययन कर रहे खुफिया विश्लेषक पाएंगे कि ओसामा जवाहिरी से पूरी तरह अलग होना चाह रहा था। लेकिन यह कदम इतनी देर से उठाया गया कि जवाहिरी को बिन लादेन के खिलाफ जाने से नहीं रोका जा सका।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें