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सरकारी दफ्तरों में पान और गुटखा खाने पर रोक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सरकारी कार्यालयों, चिकित्सालयों तथा शिक्षण संस्थानों में पान, गुटखा, तंबाकू, पान-मसाले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इन परिसरों में...

सरकारी दफ्तरों में पान और गुटखा खाने पर रोक
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 23 Mar 2017 01:16 AM
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सरकारी कार्यालयों, चिकित्सालयों तथा शिक्षण संस्थानों में पान, गुटखा, तंबाकू, पान-मसाले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इन परिसरों में पॉलीथीन के प्रयोग को प्रतिबंधित करने के लिए भी कहा है। निरीक्षण के दौरान जगह-जगह पान और पान मसाला आदि थूकने की गंदगी पाए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए।  

मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को ये निर्देश लखनऊ में शास्त्री भवन (एनेक्सी) का निरीक्षण करते समय दिए। प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद वे पहली बार एनेक्सी पहुंचे। पहली बार उन्होंने निरीक्षण से यहां शुरुआत की। उन्होंने भवन के प्रत्येक तल स्थित विभिन्न अनुभागों में जाकर वहां की कार्य व्यवस्था और साफ-सफाई की स्थिति को मौके पर परखा तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। 

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को एक सप्ताह में फाइलों के रख-रखाव और निपटारे की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फाइलों को लंबित रखने की व्यवस्था नहीं चलेगी। फाइलों पर आने और उसके अफसर द्वारा निपटारे की तारीख दर्ज होनी चाहिए। फाइलों के निपटारे की गहन मानीटरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मंत्री ने इसी अवधि में शास्त्री भवन सहित सचिवालय के अन्य भवनों की साफ-सफाई को दुरुस्त करने की अपेक्षा भी की। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनेक्सी के पंचम तल स्थित सभाकक्ष में शाम 6 बजे से रात्रि 10 बजे की अवधि में विभागीय प्रस्तुति और विभागवार समीक्षा की जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव को समय सारणी निर्धारित करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि शास्त्री भवन भू-तल स्थित सभाकक्ष में समीक्षा बैठकों के आयोजन से इसकी उपयोगिता बनी रहेगी।   
उन्होंने अधिकारियों से यह अपेक्षा भी कहा कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करें। वर्तमान में स्वच्छता सप्ताह मनाया जा रहा है। विगत दिवस वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वच्छता की जो शपथ ली है, वह केवल औपचारिकता न रहे, बल्कि एक उदाहरण के तौर पर साकार की जाए। 

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने जगह-जगह लटकते बिजली के ढीले तारों पर गहरी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को तत्काल सुधारा जाए। उन्होंने विभिन्न तलों पर स्थित वाश बेसिन की सफाई को भी बारीकी से परखा। उन्होंने शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने वाली आरओ मशीन के सुचारु व सही संचालन पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के पास रुपये होंगे, वह मिनरल वाटर की बोतल खरीद सकता है। मगर यहां कार्य करने वाले और आने वाले ज्यादातर लोग इन्हीं आरओ मशीन का पानी इस्तेमाल करते हैं। इसलिए इनका मानकों के अनुरूप संचालन सुनिश्चित कराना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निशमन यंत्रों की फिटनेस का भी सत्यापन कराया जाए। 
 
विभिन्न अनुभागों के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने फाइलों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया। अनुभागों में बाहर रखी फाइलों पर जमी धूल पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि गलियारों में किसी भी दशा में अलमारियां व फर्नीचर नहीं रखा जाना चाहिए। यदि वे उपयोगी नहीं हैं तो इनकी नियमानुसार नीलामी की व्यवस्था कराते हुए प्राप्त धनराशि को सरकारी कोष में जमा कराया जाए।  

योगी ने कहा कि जनता ने परिवर्तन के लिए अपना जनादेश दिया है। इसलिए व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के लिए जरूरी है कि सरकारी कार्यालयों में एक नई कार्य संस्कृति का विकास हो ताकि राज्य सरकार जनता की आकांक्षाओं पर खरी साबित हो सके। मुख्यमंत्री ने भू-तल स्थित सूचना विभाग की विभिन्न इकाइयों की कार्यप्रणाली की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मुख्य सचिव कार्यालय, गृह, गोपन, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, नियुक्ति विभागों के विभिन्न अनुभाग तथा पंचम तल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय मौके पर मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मुख्य सचिव राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

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