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घातक : नक्सलियों का नया हथियार बना ‘तीर बम’

नक्सलियों ने परंपरागत तीर-धनुष को विस्फोटक से लैस कर सुरक्षाबलों के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। 11 मार्च को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने इन्हीं ‘तीर बमों’ का प्रयोग किया था। इस...

घातक : नक्सलियों का नया हथियार बना ‘तीर बम’
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 18 Mar 2017 12:42 AM
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नक्सलियों ने परंपरागत तीर-धनुष को विस्फोटक से लैस कर सुरक्षाबलों के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। 11 मार्च को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने इन्हीं ‘तीर बमों’ का प्रयोग किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हो गए थे।

नक्सलियों ने तीर पर ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी) लगाकर हमले किए। जानकारों के मुताबिक तीर के अगले हिस्से पर डेटोनेटर लगाकर उसे बम बनाया गया था। यह बेहद घातक होता है। जैसे ही यह तीर किसी चीज से टकराएगा विस्फोट होगा। ऐसे में तीर के जवान से टकराते ही धमाके से नुकसान तय है। सुकमा में नक्सलियों ने ऐसा ही किया। 

तीर बमों को प्रेशर तकनीक से बनाया गया था। इन पर एल्युमीनियम का खोल चढ़ाया गया था। जानकारों का मानना है कि इस तरह के हथियार मिलना स्पष्ट संकेत है कि नक्सली हमले के नए तरीके खोज रहे हैं। 

सुकमा में गश्त कर रहे जवानों पर दोतरफा हमला हुआ था। पहले तो उन पर विस्फोटक लगे तीर बरसाए गए, इसके बाद बारूदी सुरंगों का विस्फोट कराया गया। तीरों से हो रहे हमले को देखकर जवानों ने जैसे ही पेड़ या ऊंचे स्थान के पीछे छिपकर जवाबी कार्रवाई के लिए मोर्चा संभाला, वहां पहले से ही बिछाई गई बारूदी सुरंगों के धमाके हो गए। नक्सलियों ने हमले के लिए पूरी तरह जाल बुन रखा था। सुकमा में नक्सलियों की हर चाल कामयाब रही। नक्सलियों की नई रणनीति ने अब अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है।

सुकमा हमले में पहली बार इस्तेमाल 

11 मार्च को सुकमा हमले में नक्सलियों ने पहली बार ‘तीर बमों’ का इस्तेमाल किया। इससे पहले नक्सली जहर लगे तीर का प्रयोग करते थे।

‘सुकमा में नक्सलियों द्वारा अपनाए गए हमले के नए तरीके पर बिहार पुलिस से जानकारी साझा की गई है। इसकी जांच जारी है।’  एमएस भाटिया, आईजी सीआरपीएफ, बिहार सेक्टर 


 

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