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पैसे दो गुना करने के नाम पर 250 करोड़ से अधिक की ठगी

एफडी, पेंशन, प्लॉट के नाम पर निवेश कराने वाली माइक्रो फाइनेंस कंपनी का बिहार के 20 हजार से अधिक लोगों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कंपनी पर 20 हजार लोगों से 250 करोड़ की ठगी का आरोप है।...

पैसे दो गुना करने के नाम पर 250 करोड़ से अधिक की ठगी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 26 Feb 2017 07:00 PM
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एफडी, पेंशन, प्लॉट के नाम पर निवेश कराने वाली माइक्रो फाइनेंस कंपनी का बिहार के 20 हजार से अधिक लोगों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कंपनी पर 20 हजार लोगों से 250 करोड़ की ठगी का आरोप है। आरोप है कि कंपनी ने नाम बदलकर अब गाजियाबाद के नवयुग मार्केट में दूसरा दफ्तर खोल लिया।

बिहार के कई जिलों के दो दर्जन से अधिक पीड़ित शनिवार शाम गाजियाबाद पहुंचे, लेकिन गाजियाबाद के कथित कंपनी दफ्तर से पीड़ितों को भगा दिया गया। इसके बाद पीड़ितों ने गाजियाबाद पुलिस से मामले की शिकायत की है। एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

पीड़ितों का आरोप है कि वर्ष 2010 में बिहार के कई जिलों में आरडीपीएल लैंडमार्क इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम से माइक्रो फाइनेंस के कार्यालय खोले गए थे। इन दफ्तरों में एफडी, पेंशन, प्लॉट देने के नाम पर करोड़ों रुपये निवेश करवाए गए।

कुछ महीने पहले बिहार के आरा, सीवान, जहानाबाद, सासाराम सहित अन्य जिलों से कंपनी भाग गई और लोगों के पैसे फंस गए। इसके बाद पीड़ित कंपनी के मालिकों प्रवीण कुमार रोहिल्ला, राकेश रोहिल्ला और ललित रोहिल्ला के पास सोनीपत, हरियाणा पहुंचे। वहां से गाजियाबाद के नवयुग मार्केट में इस कंपनी के दफ्तर का पता चला। शनिवार दोपहर को पीड़ित गाजियाबाद दफ्तर पहुंचे तो उन लोगों को दफ्तर से भगा दिया गया।

ऐसे करते थे ठगी

कंपनी के लोग पहले एजेंट बनाते थे। इसके बदले उन्हें कमीशन दिया जाता था। इस दौरान पांच साल में पैसे दोगुना करने, एक साल और तीन साल के निवेश पर अधिक ब्याज देने का लालच दिया जाता था। इसके बाद जब लोग पैसे लेने दफ्तर जाते थे तो उन्हें फिर से आकर्षक स्कीम बताकर उसी पैसे को दुबारा निवेश करा दिया जाता था। इसी तरह कंपनी ने 250 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली।

सात साल में चार बार बदला कंपनी का काम

वर्ष 2010 में आरडीपीएल लैंड मार्क इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम से कंपनी ने बिहार में अपना दफ्तर खोला। इसके बाद कंपनी ने यूीसीपीसीएल, मैक्स, सनमार्ग नाम रखा गया। पीड़ितों का आरोप है कि अब कंपनी ने नाम बदलकर सुपरफाइन माइक्रो फाइनेंस रख लिया है। पुराने कंपनी के कर्मचारी ही गाजियाबाद के नवयुग मार्केट दफ्तर में बैठते हैं।

निवेशक और एजेंट हताश, परेशान

पैसे डूबने के बाद बिहार से गाजियाबाद पहुंचे एजेंट और निवेशक हताश व परेशान हैं। पटना के धनरूआ निवासी मुकेश का कहना है कि उनका 22 लाख फंस गया है। उनके कहने पर सौ से अधिक लोगों ने निवेश किया, अब पैसे वापस मिलने की आस में वह गाजियाबाद आया है। इसी तरह जहानाबाद निवासी पूनम के 20 लाख, आरा निवासी साबिर के 35 लाख, बिहटा, पटना निवासी जितेंद्र के 40 लाख, सीवान निवासी रानू के 65 लाख रुपये फंस गए।

पांच साल वाले प्लान में सबसे अधिक लोग

पांच साल में पैसे दोगुना होने वाले प्लान में ज्यादातर लोग फंस गए। दरअसल कंपनी दोगुना करने वाले प्लान में रकम जमा करने के एवज में उसे प्लॉट देने की गारंटी देती थी। इस कारण लोगों को लगता था कि पैसे वापस मिल जाएंगे। पीड़ितों का कहना था कि कंपनी की तरफ से जो जमीन का बॉंड दिया जाता था, वह भी फर्जी है।

मामले की जांच की जा रही है। पीड़ितों की तहरीर पर पुलिस टीम कार्रवाई कर रही है। सोमवार को कंपनी दफ्तर जाकर पुलिस जांच करेगी। जांच के बाद जो भी बातें सामने आएंगी, उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

इंद्रपाल सिंह, क्षेत्राधिकारी प्रथम, गाजियाबाद

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