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हिंसा के डर से अंबडेकर यूनिवर्सिटी ने कश्मीर पर कार्यक्रम टाला

दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसी हिंसा की आशंका के चलते राष्ट्रीय राजधानी में अंबेडकर यूनिवर्सिटी ने कश्मीर को लेकर अपने परिसर में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम को टाल दिया है। यह कार्यक्रम कश्मीर में कथित...

हिंसा के डर से अंबडेकर यूनिवर्सिटी ने कश्मीर पर कार्यक्रम टाला
एजेंसीSun, 26 Feb 2017 02:32 PM
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दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसी हिंसा की आशंका के चलते राष्ट्रीय राजधानी में अंबेडकर यूनिवर्सिटी ने कश्मीर को लेकर अपने परिसर में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम को टाल दिया है। यह कार्यक्रम कश्मीर में कथित कुनाऩ़-पोशपोरा गैंगरेप घटना के 26 साल पूरा होने पर आधारित था। कार्यक्रम से 24 घंटे से भी कम समय पहले इसके वक्ताओं को अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खतरे का हवाला देते हुए ईमेल के जरिए सेमिनार टालने की सूचना दी गई।

कश्मीर के कुनान एवं पोशपोरा के ग्रामीणों के खिलाफ सेना द्वारा कथित गैंगरेप कांड के 26 साल पूरे होने पर अंबेडकर यूनिवर्सिटी और एनजीओ वुमन अगेंस्ट सेक्शुअल वायलेंस एंड स्टेट रिप्रेशन नामक एनजीओ 23 फरवरी को कश्मीरी महिलाओं के प्रतिरोध दिवस के रूप में एक कार्यक्रम का आयोजन करने वाले थे।

यूनिवर्सिटी ने सेमिनार के वक्ताओं को भेजे एक ईमेल में कहा गया है कि एयूडी प्रशासन संकाय से कार्यक्रम के प्रारूप में कुछ बदलाव चाहता है। इसलिए कार्यक्रम की तिथि में फेरबदल करते हुए मार्च में किसी समय इसका आयोजन होगा। जैसा कि आप देख रहे हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं मुक्त चर्चा स्थल के तौर पर यूनिवर्सिटी के लिए अभी उपयुक्त समय नहीं है।

शोधार्थी गौहर फाजिली ने इस तरह के ईमेल मिलने की पुष्टि की है। कार्यक्रम के दौरान गौहर फैमिलियल ग्रीफ, रेसिस्टैंस एंड द पॉलिटिकल इमैजिनरी इन कश्मीर पर प्रस्तुति देने वाले थे। गौरतलब है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में बुधवार को आईसा और एबीवीपी कार्यकतार्ओं के बीच व्यापक हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा की वजह जेएनयू छात्र उमर खालिद और शहला राशिद को कल्चर ऑफ प्रोटेस्ट विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करने के लिये बुलाया जाना था। बहरहाल, एबीवीपी के विरोध के बाद कॉलेज अधिकारियों ने इसे रद्द कर दिया था।

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