दिल्ली जनलोकपाल के विरोध में उतरा स्वराज अभियान
स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने आप सरकार के जनलोकपाल विधेयक को जोकपाल करार दिया है। आरोप है कि आप सरकार ने जानबूझकर विधानसभा में कमजोर बिल पेश किया है। इसके विरोध में अभियान के...
स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने आप सरकार के जनलोकपाल विधेयक को जोकपाल करार दिया है। आरोप है कि आप सरकार ने जानबूझकर विधानसभा में कमजोर बिल पेश किया है। इसके विरोध में अभियान के नेताओं ने सोमवार को विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।
दिल्ली पुलिस ने योगेंद्र यादव, प्र्रशांत भूषण व आप विधायक पंकज पुष्कर समेत कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
बता दें कि अन्ना हजारे द्वारा शुरू किए गए जनलोकपाल आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण एक ही स्वर में बोलते थे। चूंकि अब प्रशांत और योगेंद्र को आप से निष्कासित कर दिया है, इसलिए जनलोकपाल पर दोनों खेमों की अलग-अलग राय बन गई है।
आप सरकार का दावा है कि उन्होंने एक मजबूत जनलोकपाल बिल पेश किया है। दूसरी तरफ प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और विधायक पंकज पुष्कर का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने पहले वाले लोकपाल बिल में से कई अहम प्रावधान हटा कर नया विधेयक तैयार किया है। इसी वजह से उन्होंने अपने समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने इन दोनों नेताओं और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया।
बिल के खिलाफ हाथों में बैनर पोस्टर उठाए अभियान के नेता जब सिविल लाइन मेट्रो स्टेशन से विधानसभा की तरफ कूच कर रहे थे तो उन्हें बेरीकेट लगाकर रोक लिया गया। थोड़ी देर तक नारेबाजी करने के बाद जब प्रदर्शनकारियों ने बेरीकेट लांघने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, इस बीच कुछ प्रदर्शनकारी विधानसभा तक पहुंचने में कामयाब हो गए। इन लोगों ने विधानसभा के गेट पर नारेबाजी की। पुलिस के हटाने पर सभी प्रदर्शनकारी वापस चले गए।
यादव का आरोप
योगेन्द्र यादव ने आरोप लगाया कि विधानसभा स्पीकर ने उन्हें विधानसभा तक जाने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस को फोन किया था। उन्होंने कहा कि जनता बड़े-बड़े गुब्बारों की हवा निकाल देती है। प्रशांत भूषण का कहना था कि दिल्ली सरकार ने जो लोकपाल बिल पेश किया है, वह महज एक जोकपाल है। दिल्ली सरकार आम लोगों के साथ धोखा कर रही है। जस्टिस संतोष हेगड़े और निखिल डे ने भी आप द्वारा प्रस्तावित जनलोकपाल पर विरोध जताया है। शैलेश गांधी ने भी हमारे विचार से सहमत हैं।