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मंडी में अनियमितता पर मंत्री ने बिठाई जांच

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने शुक्रवार को वृंदावन में उप मंडी व सौ शैया अस्पताल एवं मथुरा में कृषि उत्पादन मंडी समिति स्थित गल्ला मंडी और फल एवं सब्जी मंडी का निरीक्षण किया। वृंदावन...

मंडी में अनियमितता पर मंत्री ने बिठाई जांच
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 29 Apr 2017 01:00 AM
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राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने शुक्रवार को वृंदावन में उप मंडी व सौ शैया अस्पताल एवं मथुरा में कृषि उत्पादन मंडी समिति स्थित गल्ला मंडी और फल एवं सब्जी मंडी का निरीक्षण किया। वृंदावन में मंडी में अनियमितता मिलने पर जांच के आदेश दिए हैं। सचिव को जांच कर रिपोर्ट लखनऊ भेजने के निर्देश दिए है।

शुक्रवार को मंत्री स्वाति सिंह ने वृंदावन मांट संपर्क मार्ग स्थित उप मंडी समिति का निरीक्षण किया। कहा कि सबसे पहले मंडी में दुकानों की जो कमी है, उसे पूरा किया जाएगा। इसके बाद आवंटन व फिर पुरानी मंडी को यहां लाया जाएगा, क्योंकि कुछ व्यापारियों के पुरानी मंडी में होने पर यहां खरीदार नहीं आ पा रहे हैं। इससे किसान व व्यापारियों का नुकसान हो रहा है। जरूरी है कि दुकानों को प्रॉपर मंडी में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता से दुकानें आवंटित नहीं की गई है। न ही पुरानी मंडी के व्यापारी यहां शिफ्ट हो पाए हैं। इसके बाद मंडी की दीवारों में आ रही दरारें और निर्माण दो वर्ष बाद ही खस्ताहाल होने की जांच की जाएगी। मंडी निर्माण और प्राजेक्ट संबंधी सभी कागजात लेकर लखनऊ अधिकारियों को बुलाया है। इस मामले की जांच की जाएगी।

गेट पास न काटे जाने पर सचिव को फटकार

सुबह 11.30 बजे मथुरा में मंडी समिति पहुंचीं। सबसे पहले वह द्वितीय निकास द्वार के पास स्थित लक्ष्मण प्रसाद खली, चुनी दुकान पर पहुंचीं तो आढ़ती दुकान पर ताला लगाकर भाग गया। मंत्री ने सचिव प्रवीण कुमार को बुलाकर जानकारी ली। सचिव कुछ नहीं बता सके। इस तरह उसी लाइन में तृतीय गेट पुलिस चौकी तक बनी परचून दुकानें बंद हो गईं। मंत्री ने मंडी में दुकान आवंटन की पूरी रिपोर्ट मय व्यापारी के तलब की है। अन्य अढ़तियों ने मंत्री को बताया कि गल्ला मंडी में खल, चुनी एवं परचून की फुटकर दुकानें सचिव और आढ़तियों की सांठ-गांठ से चल रही हैं। इससे राजस्व की हानि हो रही है। इसके बाद उन्होंने जगदीश बाबू आढ़तिया की दुकान पर गेहूं उतार रहे किसान बच्चू सिंह निवासी सेही औधूता से बातचीत की। पूछा कि मंडी में प्रवेश करते समय एंट्री पास दिया गया। उसने बताया कि उसे कोई एंट्री पास नहीं दिया गया। किसान से क्रय केंद्र पर गेहूं न बेचने का कारण भी जाना। गेट पास नहीं काटे जाने पर सचिव की जमकर क्लास लगाई।

मंत्री इसके बाद फल एवं सब्जी मंडी पहुंचीं। यहां गंदगी देखकर उनका पारा चढ़ गया। आवारा पशु भी काफी संख्या में मंडी के अंदर घूम रहे थे। सब्जी आढ़तियों से अधिक फुटकर फड़ लगे हुए मिले। थोक मंडी में फड़ लगे होने की जानकारी भी सचिव से मांगी गई है। मंत्री ने आगरा आलू कंपनी सब्जी आढ़तियां की दुकान पर खड़े प्याज भरे ट्रक चालक से गेटपास चेक किया। यहां मो.हबीब ने मंडी में शौचालय व पेयजल नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई। बरसात में दुकानों में पानी भर जाने की बात भी कही। मंत्री ने सचिव से दोनों मंडी में सफाई रखने के दिशा निर्देश दिए हैं। इस दौरान उन्होंने मंडी स्थल के विभागीय कार्यालयों के विभिन्न रजिस्टरों को चेक किया। कुछ रजिस्ट्रर अधूरे मिले।

निरीक्षण के दौरान मंडी समिति के डिप्टी डायरेक्टर गोपाल शंकर, भाजपा जिलाध्यक्ष तेजवीर सिंह, महामंत्री चिंताहरण चतुर्वेदी, प्रदीप गोस्वामी, राजेश सिंह पिंटू, सिद्धार्थ लोधी, भूपेंद्र चौधरी, राजेंद्र पटेल, गोपाल चतुर्वेदी और अतुल अग्रवाल आदि मौजूद थे।

सौ शैया अस्पताल का मुआयना किया

वृंदावन। मंत्री स्वाति सिंह ने शुक्रवार को वृंदावन के सौ शैया अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड, अल्ट्रासाउंड ब्लॉक, पोषण पुनर्वास केंद्र एवं यहां मैस के खाने की गुणवत्ता देखी। अस्पताल के सीएमएस डॉ.सरोज मजूमदार ने मंत्री के सामने स्टाफ व डॉक्टरों की कमी एवं आवश्यक जांच मशीनों की कमी होने की बात कही। एम्बुलेंस और रैबीज के इंजेक्शन न होने की भी शिकायत सामने आई। इस पर मंत्री ने कहा कि एम्बुलेंस की जल्द व्यवस्था की जाएगी। रैबीज के इंजेक्शन की आपूर्ति क्यों नहीं हो पा रही है, इस बाबत पता कर समस्या का निदान किया जाएगा।

कृषि मंडी सुधार के लिए 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा

मथुरा। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य राजकुमार अग्रवाल (मांट वाले) के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम राज्यमंत्री स्वाति सिंह को कृषि मंडियों से संबंधित 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया। इसमें किराए की दुकानों को फ्री होल्ड किए जाने, कृषि मंडी बोर्ड गठित किए जाने, मंडी शुल्क को जीएसटी में समाहित करने, सिक्स आर व नाइन आर को निशुल्क प्रदान करने, मंडी समिति सचिवों की अड़चन समाप्त करने की मांगें थीं। इसके अलावा मंडी परिषद के साझीदार बढ़ाने व घटाने व उत्तराधिकारी को लाइसेंस परिवर्तित करने संबंधी नियम में संशोधन करने, मंडियों के अंदर कम्युनिटी हॉल बनवाने, मंडियों में छोटे इलेक्ट्रॉनिक कांटों की व्यवस्था करने, किराया प्रत्येक तीन वर्ष में बढ़ाने की प्रथा को समाप्त करने और प्रत्येक तीन वर्ष में दुकानों व गोदामों की मरम्मत, रंगाई-पुताई कराने की मांग की।

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