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14 दिन बाद कुवैत से आया बेटे का शव, कोहराम

सरायइनायत थाना क्षेत्र के चंदौहा गांव निवासी बब्बू भारतीया का बेटा धर्मेन्द्र भारतीया का शव कुवैत से गुरुवार को घर पर पहुंचा तो वहां पर रोना पीटना मच गया। शव को ले जाकर गंगा के किनारे दफना दिया गया।...

14 दिन बाद कुवैत से आया बेटे का शव, कोहराम
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 21 Apr 2017 12:30 AM
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सरायइनायत थाना क्षेत्र के चंदौहा गांव निवासी बब्बू भारतीया का बेटा धर्मेन्द्र भारतीया का शव कुवैत से गुरुवार को घर पर पहुंचा तो वहां पर रोना पीटना मच गया। शव को ले जाकर गंगा के किनारे दफना दिया गया।

धर्मेन्द्र 10 जून 2016 को कुवैत नौकरी करने के लिए गया हुआ था। सात अप्रैल को वहां से फोन आया कि तुम्हारे बेटे की तबियत बहुत खराब हो जाने से मौत हो गई है। उसके बाद परिवार में रोना पीटना मच गया। पिता बब्बू अपने नवयुवक बेटे का मुंह देखने के लिए परेशान हो उठा। उसने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, डीएम, एसडीएम फूलपुर, फूलपुर विधायक से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगाई। काफी दौड़ भाग के बाद उसकी मेहनत रंग लाई आखिरकार उसके बेटे का शव कुवैत से घर आ गया। गुरुवार को सरायइनायत एसओ संतोष कुमार शर्मा, सहसों पुलिस चौकी इंचार्ज शुभ नाथ साहनी, चंदौहा गांव के एडवोकेट अभिनव ओझा व पुलिस बल के बीच उसके शव को झूंसी में गंगा के किनारे दफना दिया। 1

गांव में विवाद होने का था अंदेशा

गांव का साबिर कुवैत में रहता था। उसी के कहने पर बब्बू ने अपने बेटे को कुवैत काम करने के लिए भेजा था। बेटे की मौत की सूचना मिलने के बाद बब्बू ने साबिर के ऊपर आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दिया था कि रूपया लेकर उसने दुबई भेजने के बजाय कुबैत भेज दिया। जिस काम के लिए कहा था वही नहीं दिलाकर भेड़ बकरी चराने का काम दिला दिया था। इसके कारण उसके बेटे की मौत हो गयी। इसी बात की आशंका को लेकर कि कही शव आने के बाद कोई विवाद न शुरू हो जाय इसलिए एहतियातन पुलिस बल की तैनाती किया गया था। लेकिन मामल शांत ढंग से निपट गया।

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