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आरोपितों की गिरफ्तारी पर अड़े परिजन

सैनी कोतवाली के भागू का पुरवा गांव में शनिवार को दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में एक युवक भी घायल हो गया था। रविवार सुबह इलाज के दौरान एसआरएन में उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शव घर लाया गया तो...

आरोपितों की गिरफ्तारी पर अड़े परिजन
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 24 Apr 2017 12:40 AM
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सैनी कोतवाली के भागू का पुरवा गांव में शनिवार को दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में एक युवक भी घायल हो गया था। रविवार सुबह इलाज के दौरान एसआरएन में उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शव घर लाया गया तो परिवारवाले आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए हंगामा करने लगे। उनका कहना था कि गिरफ्तारी के बाद ही शव का अंतिम संस्कार करेंगे।

भागू का पुरवा निवासी रमेश का पड़ोसी वीरेंद्र (35) से भूमि को लेकर पुरानी रंजिश चल रही थी। शनिवार को रमेश का गांव के ही विनोद से मामूली बात को लेकर कहासुनी हुई। बीच-बचाव करने पहुंचे पड़ोसी भैयालाल को रमेश ने अपने घरवालों के साथ मिलकर पीट दिया था। भैयालाल की चीख पुकार सुनकर उसके दोनों भाई वीरेंद्र और जितेंद्र भी मौके पर पहुंच गए। आरोप है कि रमेश ने वीरेंद्र को पुरानी रंजिश में लाठी-डंडा, फरसा और कुल्हाड़ी से हमला कर लहूलुहान कर दिया। घरवालों ने इलाज के लिए उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। यहां उसकी हालत गम्भीर देख डॉक्टरों ने उसे एसआरएन रेफर कर दिया था। जहां इलाज के दौरान रविवार भोर उसकी सांसे थम गईं। उसकी मौत के बाद से घर-परिवार में कोहराम मचा है। रविवार शाम शव घर लाने पर बिलखते परिजना आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। उनका कहना है कि गिरफ्तारी के बाद ही अंतिम संस्कार करेंगे। पुलिस की लापरवाही पर लगाया मौत का इल्जाम: मृत वीरेंद्र के जीजा ओमप्रकाश का आरोप है कि इलाज के अभाव में मौत हुई है। यह भी आरोप है कि सैनी कोतवाली पुलिस ने मृतक के भाई को आधी रात थाने पर ही बैठाए रखा। जबकि उस वक्त वीरेंद्र का इलाज कराने के लिए उसकी सख्त जरूरत थी। इस बीच परिजन गिड़गिड़ाते रहे, पर पुलिस ने नहीं सुना। परिजनों का कहना है कि यदि उसका भाई पुलिस कस्टडी से बाहर होता तो वह रुपयों आदि का इंतजाम कर वीरेंद्र का निजी अस्पताल में अच्छा इलाज कराता। ऐसा नहीं होने पाने से ही उसकी मौत हो गई। दूसरी तरफ कोतवाल राकेश चौरसिया का कहना है कि आरोप बेबुनियाद है। मृतक के भाई के नाम एनसीआर दर्ज थी। वो मुकदमा दर्ज कराने आया था। पर, जैसे ही उसके भाई वीरेंद्र की हालत का पता चला उसे फौरन छोड़ दिया गया था। सैनी कोतवाल राकेश चौरसिया ने बताया कि मामले में शनिवार को ही पांच लोगों के खिलाफ गम्भीर धाराओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तीन आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वीरेंद्र की मौत के बाद मुकदमा गैर इरादन हत्या में तरमीम कर दिया गया है।

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