चारा घोटालाः लालू प्रसाद को हाईकोर्ट से मिली राहत
झारखंड हाइकोर्ट ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए चारा घोटाले के तहत देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में उनके खिलाफ लगी कई धाराएं हटाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति...
झारखंड हाइकोर्ट ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए चारा घोटाले के तहत देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में उनके खिलाफ लगी कई धाराएं हटाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति आरआर प्रसाद की बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि लालू प्रसाद के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 201 और 511 के तहत मुकदमा चलेगा।
पूर्व में एक मामले में सजा का उल्लेख करते हुए उनकी याचिका में अन्य मामले निरस्त करने की मांग की गई थी। उनका कहना था कि जिस मामले में उन्हें सजा सुनाई गई है, वैसे ही साक्ष्यों के आधार पर दूसरे मामले नहीं चलाना चाहिए। अदालत ने उन धाराओं में तो लालू प्रसाद को राहत दे दी। इनमें उन्हें पूर्व में सजा मिल चुकी है, लेकिन बाकी दो धाराओं के तहत मुकदमा चलाते रहने का आदेश दिया।
पूर्व में चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद को 420, 120बी, 467, 468, 471, 477ए और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सजा सुनाई जा चुकी है। सीबीआइ ने दोबारा उन्हीं धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इसे नियमों के खिलाफ कहते हुए निरस्त करने की मांग लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
डॉ आरके राणा के आवेदन पर आदेश सुरक्षित
चारा घोटाला मामले में आरोपी डॉ आरके राणा की ओर से सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके राय की अदालत में सीआरपीसी की धारा 300 के तहत दाखिल आवेदन पर बहस हुई। मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़ा है।
बहस पूरी, आदेश सुरक्षित : हाइकोर्ट के अधिवक्ता विभूति प्रसाद पांडेय ने डॉ आरके राणा की ओर से अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि इन्हें चारा घोटाला के एक मामले में सजा मिल चुकी है। इसलिए एक ही साक्ष्य व आरोप में दोबारा इन्हें सजा नहीं दी जाए। इस केस से मुक्त कर दिया जाए। विशेष न्यायाधीश ने बहस पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है। 28 नवंबर को अदालत आदेश सुनाएगी।