नेट पास को चयनित करने के लिए निकाला विज्ञापन
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) पास करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब वे इस परीक्षा के जरिए सरकारी उपक्रमों में नौकरी भी पा सकेंगे। यूजीसी ने सरकारी उपक्रमों को...
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) पास करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब वे इस परीक्षा के जरिए सरकारी उपक्रमों में नौकरी भी पा सकेंगे। यूजीसी ने सरकारी उपक्रमों को नेट का परिणाम उलपब्ध कराने का फैसला लिया है ताकि इसके माध्यम से वे नौकरी के लिए चयन कर सकें। इंडियन ऑयल कंपनी (आईओसी) ने इस दिशा में पहल करते हुए अपनी वेबसाइट के जरिए घोषणा की है कि कंपनी में मार्केटिंग और एचआर प्रोफेशनल्स का चयन दिसंबर 2014 में होने वाले नेट में सफल छात्रों में से ही किया जाएगा।
यूजीसी ने पिछले सप्ताह इस प्रस्ताव को अनुमति दे दी है। अभी तक नेट पास करने वाले या तो शोध में दाखिला लेते थे या फिर विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते थे। यूजीसी के नए फैसले से उन्हें रोजगार के और अवसर मिल जाएंगे। नेट पास इस परीक्षा के स्कोर के आधार पर सरकारी उपक्रमों में एक्जिक्यूटिव के साथ ही शोध एवं विकास (आर एण्ड डी), मैनेजमेंट, एचआर, कार्पोरेट कम्यूनिकेशन और फाइनेंस जैसे पदों पर नियुक्त हो सकेंगे जिसके लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता परास्नातक है।
आईओसी की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि मार्केटिंग और एचआर प्रोफेशनल्स के चयन के लिए नेट पास जिन छात्रों को लिया जाएगा उन्हें कंपनी की ओर से आयोजित ग्रुप डिस्कशन, ग्रुप टास्क और पर्सनल इंटरव्यू में भी शामिल होना होगा। ठीक वैसे ही जैसे असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन करने पर नेट पास को इंटरव्यू देना पड़ता है। सिविल सेवा कोच रनीश जैन और इविवि के शोधार्थी संजय पांडेय ने इस फैसले का स्वागत किया है।
क्या है यूजीसी नेट
यह परीक्षा हर वर्ष जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है। परास्नातक में 55 प्रतिशत से अधिक नंबर पाने वाले इसके लिए आवेदन करते हैं। इसमें सफल होने वाले छात्र विश्वविद्यालय, महाविद्यालय सहित अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की पात्रता हासिल करते हैं। इसके जरिए उन्हें पीएचडी और डीफिल में दाखिला भी मिलता है। इस परीक्षा के जरिए जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) भी अवार्ड की जाती है। जेआरएफ के लिए टेस्ट 1984 से हो रहा है जबकि लेक्चररशिप की योग्यता के लिए टेस्ट जुलाई 1988 में शुरू किया गया था। अब परीक्षा का जिम्मा सीबीएसई को दिया गया है।