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कोर्ट ने नहीं दिया आदेश निर्वाचन आयोग को चुनाव घोषित करने का

दिल्ली में विधानसभा भंग होने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की याचिका का निस्तारण कर दिया लेकिन निर्वाचन आयोग को चुनाव कार्यक्रम शीघ्र घोषित करने का आदेश देने से इनकार कर दिया मुख्य...

कोर्ट ने नहीं दिया आदेश निर्वाचन आयोग को चुनाव घोषित करने का
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 11 Nov 2014 09:22 PM
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दिल्ली में विधानसभा भंग होने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की याचिका का निस्तारण कर दिया लेकिन निर्वाचन आयोग को चुनाव कार्यक्रम शीघ्र घोषित करने का आदेश देने से इनकार कर दिया

मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान  पीठ ने कहा, विधानसभा भंग की जा चुकी है इसलिए याचिका पर आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है। पीठ ने पार्टी के वकील प्रशांत भूषण से कहा कि निर्वाचन आयोग मामला अपने हाथ में लेगा और उसे क्या करना है यह वह ही देखेगा, इस बारे में हम उसे कोई आदेश नहीं दे सकते।

गौरतलब है कि पीठ ने इससे पूर्व दिल्ली में सरकार गठन की संभावना तलाशने के उपराज्यपाल नजीब जंग के हाल के प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्हें कुछ और वक्त दिया जाना चाहिए।

पिछली सुनवाई पर पीठ ने आप से 11 नवंबर तक इंतजार करने के लिए कहा था और टिप्पणी की थी कि हो सकता है कि कुछ राजनीति दलों के बाहर से समर्थन के साथ अल्पसंख्यक सरकार बन जाए। लेकिन इस बीच राष्ट्रपति ने 4 नवंबर को विधानसभा भंग कर दी।

विशेष संवाददाता नई दिल्ली
दिल्ली में विधानसभा भंग होने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की याचिका का निस्तारण कर दिया लेकिन निर्वाचन आयोग को चुनाव कार्यक्रम शीघ्र घोषित करने का आदेश देने से इनकार कर दिया

मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान  पीठ ने कहा, विधानसभा भंग की जा चुकी है इसलिए याचिका पर आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है। पीठ ने पार्टी के वकील प्रशांत भूषण से कहा कि निर्वाचन आयोग मामला अपने हाथ में लेगा और उसे क्या करना है यह वह ही देखेगा, इस बारे में हम उसे कोई आदेश नहीं दे सकते।

गौरतलब है कि पीठ ने इससे पूर्व दिल्ली में सरकार गठन की संभावना तलाशने के उपराज्यपाल नजीब जंग के हाल के प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्हें कुछ और वक्त दिया जाना चाहिए।

पिछली सुनवाई पर पीठ ने आप से 11 नवंबर तक इंतजार करने के लिए कहा था और टिप्पणी की थी कि हो सकता है कि कुछ राजनीति दलों के बाहर से समर्थन के साथ अल्पसंख्यक सरकार बन जाए। लेकिन इस बीच राष्ट्रपति ने 4 नवंबर को विधानसभा भंग कर दी।

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