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Hindi Newsचंदन का वदन चंचल चितवन, धीरे से तेरा ये मुस्काना...

चंदन का वदन चंचल चितवन, धीरे से तेरा ये मुस्काना...

सोनपुर मेले के पर्यटन विभाग के मंच पर शनिवार की रात मशहूर पार्श्व गायिका अनुराधा पौउवाल के स्वरों के जादू में घंटों बंधे रहे श्रोता। मेले में पहली बार आयी अनुराधा का सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी।...

चंदन का वदन चंचल चितवन, धीरे से तेरा ये मुस्काना...
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 23 Nov 2014 11:13 PM
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सोनपुर मेले के पर्यटन विभाग के मंच पर शनिवार की रात मशहूर पार्श्व गायिका अनुराधा पौउवाल के स्वरों के जादू में घंटों बंधे रहे श्रोता। मेले में पहली बार आयी अनुराधा का सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। श्रोताओं में कला-संस्कृति मंत्री विनय बिहारी के अलावा गृहसचिव, कृषि विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा, आईजी, सीआईडी विनय कुमार, डीएम कुंदन कुमार, एसपी सत्यवीर सिंह और अन्य अधिकारी भी शामिल थे। पंडाल खचाखच भरा हुआ था। पंडाल के सामने वाली और गज-ग्राह प्रतिमा जाने वाली सड़कों पर भी इतनी भीड़ थी कि मुश्किल से उधर से कोई गुजर पाता था।

शिव वंदना से उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत की- मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा, शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा। फिर वैष्णो देवी पर आधारित गीत तुने मुझे बुलाया शेरावालिए गाकर वातावरण में भक्ति का रस घोल दिया। उसके बाद हर रंग के गीतों से पंडाल गूंज उठा। प्यार-मोहब्बत का इजहार करने वाले गीतों के स्वर फूटे- नजर के सामने जिगर के पास कोई रहता है, बहुत प्यार करते हैं तुझको सनम आदि-आदि।

अस्सी के दशक में हर जुबान पर चढ़ा यह गीत गाकर उन्होंने समारोह को झुमा दिया- चंदन सा वदन चंचल चितवन, धीरे से तेरा ये मुस्काना, मुझे दोष न देना जगवालों हो जाऊं गर मैं दीवाना। कभी -कभी मेरे दिल में ख्याल ये आता है, जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए... की प्रस्तुति भी दमदार रही। छठ गीत की  प्रस्तुति भी यादगार रही- कहां चली बांस की बहंगिया, बहंगी लचकत जाए। लगभग 11 बजे रात तक कार्यक्रम चलता रहा। इसी बीच कला-संस्कृति मंत्री विनय बिहारी भी श्रोताओं के आग्रह पर मंच पर आए और तान छेड़ी- रूपवा सलोना ये धनिया मन करे निहारत रहीं, हथवा तोहार अपना हथवा में लेके जिंदगी गुजारत रहीं।

अनुराधा के साथ कोरस में आवाज देरहे थे हेतन नायक और मुकेश पंचोली। तबले पर मनीष कुमार, ढ़ोलक पर शशिकांत शर्मा, पैड पर विजय कुमार, हारमोनियम पर आदित्या पोड़वाल और की बोर्ड पर मयूर सोनी संगत कर रहे थे। पंडाल के भीतर और बाहर भीड़ नियंत्रण और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का पर्याप्त प्रबंध किया गया था।

 

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