एयर इंडिया संकट पर कर्मियों से सहयोग की मांग
सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी एअर इंडिया के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक अरविंद जाधव ने कंपनी के आंदोलनरत कर्मचारियों से संकट के समय चुनौतियों का साहस के साथ डटकर मुकाबला करने का अनुरोध किया है ताकि...
सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी एअर इंडिया के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक अरविंद जाधव ने कंपनी के आंदोलनरत कर्मचारियों से संकट के समय चुनौतियों का साहस के साथ डटकर मुकाबला करने का अनुरोध किया है ताकि कंपनी को और ऊंची उड़ान तक पहुंचाया जा सके। जून के वेतन भुगतान में एक पखवाड़े की देरी तथा प्रबंधन के अन्य निर्णयों से आंदोलित एअर इंडिया के कर्मचारियों को भेजे संदेश में जाधव ने कहा कि कर्मचारियों को विमानन क्षेत्र में आए संकट के इस दौर को याद रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह संकट का समय है और यह लड़ाई हमारे अस्तिस्व की लड़ाई है। यह लड़ाई एअर लाइन्स के अस्तित्व को बनाए रखने की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को समझ लेना चाहिए कि उनकी कंपनी विमानन क्षेत्र की न सिर्फ सबसे पुरानी कंपनी है बल्कि उन्हें इस तरह के संकट से उबरने का अनुभव है और कंपनी सबसे पहले इस दौर से भी उबर लेगी। उन्होंने कहा कि यह एअर इंडिया के कर्मचारियों के लिए चुनौतियों का वक्त है और सभी को मिलकर और साहस के साथ इन चुनौतियों से लड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में संकट का दौर चल रहा है और सिंगापुर, जापान, ब्रिटिश, अमेरिकन, एएफ-केएलएम, जेट तथा डेल्टा जैसी विमानन कंपनियों ने इस संकट से निपटने के लिए कर्मचारियों की संख्या घटान, वेतन में कटौती करने तथा विभिन्न मार्गों पर उड़ानों की संख्या घटाने जैसे कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इन विमानन कंपिनयों की तुलना में एअर इंडिया की स्थिति ठीक है इसलिए कंपनी के कर्मचारियों को ऐसे हालात को देखते हुए अपने आंदोलन पर विचार करना चाहिए।
नगदी की तंगी झेल रही एयर इंडिया ने एयरलाइन के महाप्रबंधकों और उससे बड़े तमाम अधिकारियों से अगले महीने मिलने वाले वेतन को छोड़ने को कहा है। जाधव ने महाप्रबंधकों और उससे ऊपर के तमाम अधिकारियों को पत्र लिखकर एयरलाइन की खस्ता वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने संकट की इस घड़ी में सदभावना के नाते उनसे जुलाई में दिए जाने वाले वेतन और भत्ते को छोड़ने का आग्रह किया। चार हजार करोड़ से अधिक घाटे में चल रही एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों को जून का वेतन पंन्द्रह दिन विलंब से देने का निर्णय लिया था।