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कुछ कड़े संदेश भी देंगे मुस्लिम जगत को ओबामा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इस सप्ताह मिस्र और यूरोप की अपनी यात्रा के दौरान मिस्र की राजधानी काहिरा में अपने बहुप्रतीक्षित संबोधन के जरिए मुस्लिम जगत में अमेरिका की छवि सुधारने और मुसलमानों का दिल...

कुछ कड़े संदेश भी देंगे मुस्लिम जगत को ओबामा
एजेंसीWed, 03 Jun 2009 01:07 PM
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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इस सप्ताह मिस्र और यूरोप की अपनी यात्रा के दौरान मिस्र की राजधानी काहिरा में अपने बहुप्रतीक्षित संबोधन के जरिए मुस्लिम जगत में अमेरिका की छवि सुधारने और मुसलमानों का दिल जीतने का प्रयास करेंगे। हालांकि वह इसमें शांति प्रक्रिया और आतंकवाद जैसे कुछ कडे¸ मुद्दों को भी शामिल करेंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि इराक और अफगानिस्तान युद्ध, ग्वांतानामो और अबू गरीब जेलों में बंद कैदियों के साथ दुव्र्यवहार तथा यहूदी देश इजरायल की ओर झुकाव से मुसलमानों में अमेरिका के प्रति रोष है। ओबामा इन सभी कारणों से अमेरिकी छवि को हुए नुकसान को कम करने की कोशिश करेंगे।

बुश प्रशासन की आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध के कारण मुस्लिम जगत में अमेरिका की छवि खराब हुई है और अमेरिका को शक की निगाह से देखा जाता है। पश्चिम एशिया शांतिवार्ता को फिर पटरी पर लाने और ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा पर पलीता लगाने के लिए मुस्लिम देशों का समर्थन जुटाने में लगे ओबामा के पास मुसलमानों का विश्वास जीतने का यह एक बेहतरीन मौका है।

ओबामा ने मंगलवार को पश्चिम एशिया के दौरे पर रवाना होने से पहले कहा कि अमेरिका का अफगानिस्तान पर अधिकार करने का कोई इरादा नहीं है। वह तो आतंकवादी संगठन अलकायदा को भविष्य में 11 सितंबर जैसे हमले करने से रोकना चाहता है। उन्होंने कहा कि हम तो केवल इतना चाहते हैं कि अमरीका पर हमले करने की साजिश रचने वाले अफगानिस्तान में स्वछंद वातावरण में न घूमें। मेरा मानना है कि हमारे देश के इस उद्देश्य को कोई भी इस्लामी देश आसानी से समझ सकता है।


विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल और फलस्तीन के बीच शांति प्रक्रिया की शुरुआत कराने तथा ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति की पश्चिम एशिया में यह राजनयिक पहल की सफलता इस पर निर्भर करेंगी कि वह अमेरिका और मुस्लिम जगत के बीच संबंधों में कितना सुधार कर पाते हैं।

ओबामा अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान सबसे पहले सऊदी अरब जाएंगे। यहां वह सऊदी अरब के नरेश अब्दुल्लाह से पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया और ईरान के परमाणु कार्यक्रम और तेल की कीमतों जैसे मुद्दों पर बातचीत करेंगे। इसके बाद वह गुरुवार को काहिरा जाएंगे, जहां से वह इस्लामी जगत को संबोधित करने का अपना वादा पूरा करेंगे।

विल्सन सेंटर पब्लिक पॉलिसी एनालिस्ट के आरोन डेविड मिलर ने कहा कि ओबामा का भाषण में यह महत्वपूर्ण होगा कि उसमें वह अरब-इजरायल संघर्ष, मानवाधिकार अथवा मुस्लिम जगत में अच्छे प्रशासन पर कुछ बोलते हैं अथवा नहीं।

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