बिजली बचत के मानकों का पालन नहीं करने पर दंडात्मक कार्रवाई
केंद्र सरकार 8 वर्ष पुराने बिजली संरक्षण अधिनियम के दंडात्मक प्रावधानों को अब अनिवार्य रूप से लागू करने की तैयारी में है। जिसके तहत घरेलू उपकरणों में बिजली बचत के मानकों का पालन न होने पर...
केंद्र सरकार 8 वर्ष पुराने बिजली संरक्षण अधिनियम के दंडात्मक प्रावधानों को अब अनिवार्य रूप से लागू करने की तैयारी में है। जिसके तहत घरेलू उपकरणों में बिजली बचत के मानकों का पालन न होने पर विनिमार्ताओं के खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा।
विद्युत मंत्रालय के तहत आने वाले ब्यूरो ऑफ एनर्जी इफीसिएंसी (बीईई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण अधिनिमय 2001 के तहत उपकरणों पर लेबल निशान लगाने की व्यवस्था अब अनिवार्य करने की योजना बनायी जा रही है।
लेबलिंग कार्यक्रम के तहत एसी, रेफ्रीजरेटर, टच्यूबलाइट, ट्रांसफार्मर, पानी मोटर जैसे घरेलू विद्युत उपकरणों पर एक से पांच की संख्या तक स्टार के निशान लगाये जाते हैं। फिलहाल ऊर्जा संरक्षण के उच्चतम मानक वाले उपकरण पर अधिकतम पांच स्टार लगाने की व्यवस्था है पर यह ऐच्छिक है।
बीईई के महानिदेशक अजय माथुर ने कहा कि इस योजना को अनिवार्य करने और इसमें दंडात्मक कार्रवाई को अमल में लाने के लिये मंत्रालय से हरी झंडी मिल गयी है लेकिन अंतिम फैसला जुलाई में जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री की परिषद की बैठक के बाद किया जाएगा।
माथुर ने बताया कि लेबलिंग कार्यक्रम का पालन नहीं करने वाली कंपनियों पर एकमुश्त 10,000 हजार रुपये या रोजना एक-एक हजार रुपए का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है।