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किसी को हंसाती तो किसी को रूलाती है विंबलडन की घास

मार्सेलो रियोस ने एक बार विंबलडन के बारे में टिप्पणी की थी कि इसका लॉन गायों को चराने के लिये ही फिट है, जबकि ब्रिटेन के पूर्व डेविस कप कप्तान डेविड लायड ने एक बार कहा था कि ऑल इंग्लैंड क्लब की घास...

किसी को हंसाती तो किसी को रूलाती है विंबलडन की घास
एजेंसीTue, 23 Jun 2009 06:02 PM
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मार्सेलो रियोस ने एक बार विंबलडन के बारे में टिप्पणी की थी कि इसका लॉन गायों को चराने के लिये ही फिट है, जबकि ब्रिटेन के पूर्व डेविस कप कप्तान डेविड लायड ने एक बार कहा था कि ऑल इंग्लैंड क्लब की घास को हटाकर उसे कंक्रीट का कोर्ट बना देना चाहिए।

लेकिन मारिया शारापोवा के लिये विंबलडन का मतलब खुद का नाश्ता तैयार करना है, जबकि रोजर फेडरर तब टेनिस का असली लुत्फ उठाते हैं जब सेंटर कोर्ट पर उनके अच्छे शॉट पर तालियां बजती हैं।

पूर्व चैंपियन (2004) शारापोवा ने कहा कि हम केवल कुछ टूर्नामेंट ही ग्रास कोर्ट पर खेलते हैं। जब आप इस पर उतरते हो तो रोमांच महसूस होता है, क्योंकि निश्चित तौर पर मेरी यहां से बहुत अच्छी यादें जुड़ी हैं तथा जब मैं जूनियर थी तब से मैंने यहां अच्छे परिणाम हासिल किये हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा यहां आकर लगता है कि आप घर में हो। आप अपना नाश्ता तैयार कर सकते हां और अपने लिए चाय तैयार कर सकते हो। शारापोवा की तरह सभी नहीं सोचते। डेविड लॉयड ने इसलिए विंबलडन को कंक्रीट का कोर्ट बनाने की सलाह दी थी, क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई ओपन और अमेरिकी ओपन भी कभी ग्रास कोर्ट पर खेले जाते थे, लेकिन बाद में उन्हें हार्डकोर्ट में बदल दिया गया।

वर्तमान में दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी दिनारा साफिना को भी ग्रास कोर्ट पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि घास से मुझे गुस्सा आता है। यहां की उछाल के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। एक बार गेंद ऊंची उठेगी तो अगली बार नीचे रहेगी। मुझे नहीं लगता कि मैं कभी इस तरह का कोर्ट पसंद करूंगी।

पांच बार विंबलडन जीतने वाले फेडरर के विचार भिन्न हैं। उन्हें यहां के दर्शक बहुत पसंद हैं जो कि अच्छे खेल का पूरा सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि जो दर्शक आपके अंक बनने पर पूरा सम्मान दिखाते हैं उनके सामने खेलने में मजा आता है। मुझे लगता है कि बदलाव अच्छा है। यदि आप सभी टूर्नामेंट एक जैसे कोर्ट पर खेलोगे तो यह कुछ बोरिंग होगा।

विश्व के चौथे नंबर के खिलाड़ी नोवाक डयूकोविच विंबलडन परंपरा का पूरा लुत्फ उठाते हैं। उन्होंने कहा कि यह सबसे प्रतिष्ठित और पुराना टूर्नामेंट है। मैं हमेशा इस टूर्नामेंट को जीतने का ख्वाब देखता रहा हूं। आशा है एकदिन मैं यह सम्मान हासिल करूंगा।

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