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CBSE ने 11वीं-12वीं कक्षा के 41 विषय हटाए, जानें क्या है वजह

सीबीएसई ने आगामी शिक्षा सत्र से 41 विषय पाठ्यक्रम से हटा दिए हैं। इनमें 7 विषय शैक्षणिक और 34 वोकेशनल हैं। आगामी सत्र में 11वीं और 12वीं में दाखिला लेने वाले छात्रों के सामने इन विषयों का प्रस्ताव...

CBSE ने 11वीं-12वीं कक्षा के 41 विषय हटाए, जानें क्या है वजह
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 18 Mar 2017 08:19 AM
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सीबीएसई ने आगामी शिक्षा सत्र से 41 विषय पाठ्यक्रम से हटा दिए हैं। इनमें 7 विषय शैक्षणिक और 34 वोकेशनल हैं। आगामी सत्र में 11वीं और 12वीं में दाखिला लेने वाले छात्रों के सामने इन विषयों का प्रस्ताव स्कूलों को नहीं देने के लिए कहा गया है।

हालांकि, 11वीं में उक्त विषय पढ़ रहे छात्रों के लिए कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। यह बदलाव 2017 में 11वीं में दाखिला लेने जा रहे छात्रों के लिए लागू होगा। इन विषयों में छात्रों की लगातार घटती रुचि की वजह से बोर्ड ने यह फैसला लिया है। 

सीबीएसई ने इन सभी विषयों को रुचि घटने के आंकड़ों के आधार पर हटाया है। इन विषयों में बीते सत्रों में छात्रों का पंजीकरण काफी कम हुआ। ये विषय हटने के बाद अब छात्रों के लिए रुचि के मुताबिक विषय का चयन काफी आसान हो जाएगा।

ये सात शैक्षणिक विषय हटाए गए 

रचनात्मक लेखन एवं अनुवाद अध्ययन, मानवाधिकार, लैंगिक अध्ययन, दर्शनशास्त्र, ग्राफिक डिजाइन, थिएटर अध्ययन, पुस्तकालय व सूचना विज्ञान। 

ये प्रमुख वोकेशनल विषय हटे

वोकेशनल विषयों की सूची से बाहर किए गए 34 में से प्रमुख विषयों में पॉल्ट्री से संबंधित चार विषयों के अलावा डेयरी एनिमल्स, नेल टेक्नोलॉजी, रिटेल, ऑफिस कम्युनिकेशन एवं रेफ्रिजरेशन से संबंधित दो विषय शामिल हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कुछ विषय भी शामिल हैं। इनमें फस्र्ट एंड इमरजेंसी मेडिकल केयर, ऑप्थेलमिक टेक्नोलॉजी, रेडियोग्राफी, चाइल्ड हेल्थ नर्सिग, मिडवाइफरी, हेल्थ सेंटर मैनेजमेंट जैसे विषय शामिल हैं।

10वीं में अगले सत्र से अब छह विषय होंगे अनिवार्य 

सीबीएसई मूल्यांकन प्रक्रिया बदलने जा रहा है। इसके तहत आगामी सत्र से 10वीं में परीक्षार्थियों को पांच के बजाय छह विषय पढ़ने पड़ सकते हैं। अभी तक 10वीं में छात्रों को दो भाषाओं के साथ सामाजिक विज्ञान, गणित और विज्ञान विषय पढ़ना पड़ता है। 

अतिरिक्त विषय के तौर पर छात्र एक व्यावसायिक विषय भी चुनता था। आगामी सत्र से व्यावसायिक विषय का अध्ययन भी अनिवार्य हो सकता है। यह बदलाव राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा के तहत अनिवार्य विषय के रूप में व्यावसायिक पाठ्यक्रम की शिक्षा दे रहे स्कूलों के लिए हुआ है। यदि कोई छात्र तीन मुख्य विषयों में से किसी एक में पास नहीं होता है तो वह छठे अतिरिक्त विषय में प्रस्थापित किया जा सकेगा। इसी बदलाव से बोर्ड का परिणाम भी जारी होगा।

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