ऐसे बाथरूम से कष्ट में रहते हैं घर के आदमी
सही बाथरूम के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार अनेक विधियां बताई गई हैं। कुछ सरल विधियों के जरिए बाथरूम को वास्‍तु के अनुसार तैयार किया जा सकता है। जानिए बाथरूम के लिए क्‍या सही है और क
सही बाथरूम के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार अनेक विधियां बताई गई हैं। कुछ सरल विधियों के जरिए बाथरूम को वास्तु के अनुसार तैयार किया जा सकता है। जानिए बाथरूम के लिए क्या सही है और क्या गलत।
ऐसे बाथरूम से कष्ट में रहते हैं घर के आदमी
1. वास्तु के हिसाब से बाथरूम के लिए पूर्व दिशा सर्वोत्तम है। यदि किसी कारण से बाथरूम पूर्व दिशा में न बनाया जा सके तो यह दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी उचित है।
2. घर के ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा में बाथरूम बनाना वर्जित है। ईशान में बना बाथरूम परिवार के पुरुष वर्ग को कष्ट देता है।
3. वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम सीढि़यों के नीचे, मुख्य द्वार के पास या रसोईघर के बिल्कुल बराबर में नहीं होना चाहिए। रसोई के एकदम पास बना बाथरूम रसोईघर की पवित्रता को भंग कर देता है।
4. बाथरूम शयनकक्ष के सामने भी नहीं होना चाहिए।
5. बाथरूम में पूर्व दिशा में खिड़की या रोशनदान होना चाहिए।
6. स्नान करने वाले व्यक्ति का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
7. बाथरूम के फर्श का ढलान ईशान कोण, उत्तर दिशा अथवा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। बाथरूम और शौचालय अलग-अलग रहें तो उत्तम रहता है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)
ऐसे बाथरूम से कष्ट में रहते हैं घर के आदमी