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मुड़ियार गांव में मनरेगा नियमों की उड़ी धज्जियां

मिर्जापुर ब्लाक के मुड़ियार गांव में मनरेगा नियामों को ताख पर रख कर लगभग तीन लाख की दो परियोजनाओं के साथ गजब का खेल खेला गया। पोखरे की खुदाई के नाम पर ताल में मेड़बंदी कर दिया गया। संपर्क मार्ग पर मानक...

मुड़ियार गांव में मनरेगा नियमों की उड़ी धज्जियां
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 28 Apr 2017 05:01 PM
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मिर्जापुर ब्लाक के मुड़ियार गांव में मनरेगा नियामों को ताख पर रख कर लगभग तीन लाख की दो परियोजनाओं के साथ गजब का खेल खेला गया। पोखरे की खुदाई के नाम पर ताल में मेड़बंदी कर दिया गया। संपर्क मार्ग पर मानक के तहत मिट्टी न डाल कर कम मिट्टी डाला गया। यहीं नहीं दोनों परियाजनों में मजदूरों का हक मारते हुए जेसीबी से कार्य कराया गया है। जांच में खुलासा होने पर बीडीओ ने मनरेगा के नाम पर हुए गोलमाल की आशंका पर भुगतान पर रोक लगा दिया है।

मिर्जापुर ब्लाक के मुड़ियार गांव में पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत बंधे से इन्नर के खेत तक ताल में एक लाख 96 हजार 486 रुपये अनुमानित लागत से पोखरी की खुदाई की कार्ययोजना स्वीकृत की गई थी। । इसके अलावा गांव के रामबली मौर्य के घर से एजाज के नलकूप तक एक लाख 17 हजार धनराशि में संपर्क मार्ग की परियोजना स्वीकृत हुई थी। काम पूरा होने पर ग्रामीणों की शिकायत पर बीडीओ ने सहायक विकास अधिकारी सहकारिता सदानंद पांडेय, तकनीकी सहायक प्रकाश उपाध्याय और जेई तुलसी यादव से संयुक्त रूप से मौके की जांच कराई। जांच में पाया गया कि जिस पोखरे की खुदाई की गई है,उसका स्वरूप पोखरे का न होकर बंधे का है। जबकि इसकी मापी माप पुस्तिका में पोखरे के रूप में की गई है। मेड़बंदी का कोई अभिलेख नहीं पाया गया।

दूसरी तरफ संपर्क मार्ग के निर्माण में कुछ दूरी को छोड़ कर केवल छह इंच की मिट्टी डाला जाना पाया गया। जबकि माप पुस्तिका में दो से ढाई फीट मिट्टी डालना दर्शाया गया है। खंड विकास अधिकारी रामरेखा सिंह ने बताया कि जांच में दोनों परियोजनाओं पर जेसीबी का प्रयोग और निर्माण कार्यों में अनियमितता पर भुगतान रोक दिया गया है। साथ ही ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और तकनीकी सहायक के खिलाफ कार्यवाही के लिए संस्तुति की गई है।

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