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भागवत-गोलवलकर की आतंकी से तुलना पर बरेली कॉलेज में बवाल

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) हिंदी विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की तुलना कथित रूप से आतंकी से कर डाली। बरेली कॉलेज में आयोजित सेमीनार के दौरान उनकी टिप्पधी से कॉलेज में...

भागवत-गोलवलकर की आतंकी से तुलना पर बरेली कॉलेज में बवाल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 19 Mar 2017 10:59 PM
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) हिंदी विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की तुलना कथित रूप से आतंकी से कर डाली। बरेली कॉलेज में आयोजित सेमीनार के दौरान उनकी टिप्पधी से कॉलेज में बवाल हो गया। गुस्साए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विरोध में भारी हंगामा और तोड़फोड़ की। पुलिस ने समझा-बुझाकर कार्यकर्ताओं को शांत किया। विवादित बयान के मामले में एफआईआर के आदेश दिए गए हैं।

रविवार को बरेली कॉलेज में हिंदी विभाग की ओर से सभागार में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया था। हिंदी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. मीना यादव आयोजन सचिव थी। विवाद तब शुरू हुआ जब मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) हिंदी विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर चौथी राम यादव ने मोहन भागवत की तुलना आतंकवादियों से कर दी। चौथी राम ने मोदी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि मोदी विदेश जाते हैं तो गांधी, तिलक व अंबेडकर के नाम के कसीदे पढ़ते हैं। भारत में रहते हैं तो गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा पर माला चढ़ाते हैं। सबका साथ सबका विकास और डिजिटल इंडिया ढकोसला है। इस दौरान उन्होंने कथित रूप से मोहन भागवत और गोलवलकर को आतंकी तक कह डाला। कहा कि यह आतंकवादी लोग हिंदूवादी एजेंडा लागू करना चाहते हैं। ऐसे लोगों को नकारना चाहिए था।

 

उनकी इस टिप्पणी पर विरोध हो गया। सभागार में मौजूद वक्ताओं ने आपत्ति जता दी। मंचासीन एमएच पीजी कॉलेज मुरादाबाद के प्राचार्य डॉ विशेष गुप्ता ने माइक संभाला और कहा कि यह विमर्श का मंच था पर एक व्यक्ति विशेष का टारगेट किया गया। चौथी राम यादव की ओर मुखातिब डा. विशेष गुप्ता ने मोहन भागवत को आतंकवादी कहने पर कड़ा विरोध जताया। मंच से ही ऐलान कर दिया कि वे इस मामले की रिपोर्ट बनाकर भारत सरकार को भेजेंगे ताकि पता चल सके कि ऐसे सेमिनार में क्या होता है। वहीं डा. श्रीधर ने माइक संभाली और इस टिप्पणी का विरोध कर दिया। बरेली कॉलेज के तमाम शिक्षकों ने भी टिप्पणी को बेहद गलत बताया और कहा कि मोहन भागवत को आतंकवादी कहना गलत है और माफी मांगनी चाहिए।

बरेली कॉलेज को जेएनयू नहीं बनने देंगे. एबीवीपी

आरएसएस प्रमुख को आतंकी बोलने की जानकारी मिली तो एबीवीपी के छात्र नेता भी सभागार पहुंच गए और विरोध शुरू कर दिया। सभागार में मौजूद समाजवादी छात्र सभा के निवर्तमान जिला अध्यक्ष हृदेश यादव और अनूप यादव ने हंगामे का विरोध किया। इसके बाद एबीवीपी और सछास नेता भिड़ गए। एबीवीपी की ओर से अवनीश चौबे, अजीत पटेल, राहुल चौहान सहित कई छात्रनेताओं ने विरोध किया तो दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। एक शिक्षक ने एबीवीपी छात्रनेता अजीत पटेल को घसीटकर मारने के लिए सछास नेताओं को उकसाया। हालांकि शिक्षकों ने दोनों पक्षों को के बीच में बचाव करा दिया। इससे भड़के छात्र नेताओं ने सभागार के बाहर जमकर तोड़फोड़ की। कुर्सियां, मेज और किताबों को तहसनहस कर दिया। बरेली कॉलेज को वह जेएनयू नहीं बनने देंगे, प्राचार्य मुर्दाबाद, प्रोफेसर पर एफआईआर दर्ज करो जैसे नारे लगाए।

चौथीराम पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश

विवादित टिप्पणी के बाद एबीवीपी के हंगामे की सूचना पर एएसपी आकाश तोमर कॉलेज पहुंच गए। एबीवीपी नेता सुमित सैनी, अभय चौहान, अजीत पटेल और राहुल चौहान को समझाया। एबीवीपी छात्रनेताओं ने कहा कि सरकार उनकी है कितने भी मुकदमे करा लो निपट लेंगे पर प्रो. चौथीराम यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करो। दो बजे शुरू हुआ विवाद शाम छह बजे तक जारी रहा। एसपी सिटी समीर सौरभ कॉलेज पहुंचे। इसके बाद प्राचार्य डा. सोमेश यादव भी गाड़ी ड्राइव कर कॉलेज आए। छात्रों ने एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। इसके बाद मैथमेटिक्स विभाग के हेड डा. स्वदेश सिंह के कमरे में मीटिंग हुई। आयोजक डा. मीना यादव ने प्राचार्य को पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने लिखा की छात्रों ने आरोप लगाया कि चौथी राम यादव ने मोहन भागवत को आतंकी कहा। इससे अव्यवस्था फैल गई। ऐसे में कार्रवाई की जाए। यह पत्र प्राचार्य ने अग्रसारित कर एसपी सिटी समीर सौरभ को एफआईआर दर्ज कराने के लिए सौंपा। समीर सौरभ ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए।

स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस का योगदान नहीं: यादव

मैने अपने उद्भबोधन में मोहनभागवत का नाम जरुर लिया पर आतंकी नहीं कहा है। मैने यह कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस का कोई योगदान नहीं था। न ही देश के निर्माण में कोई भूमिका थी। प्रधानमंत्री बाहर जाते हैं तो गांधी, बुद्ध व अंबेडकर का नाम लेते हैं और भारत में गोडसे पर फूल चढ़ाते हैं और गांधी, अंबेडकर की विचारधारा वाले लोगों को तवज्जो नहीं देते हैं। यह बात कहने वालों को देशद्रोही करार दे दिया जाता है। गांधी बुद्ध को दुनिया जानती है, इसलिए विदेशों में इसका महिमा मंडन किया जाता है। यह दोहरा चरित्र है। प्रो. चौथी राम यादव, रिटायर्ड प्रोफेसर, बीएचयू

मोहन भागवत और गोलवलकर को आतंकवादी कहना निंदनीय है। मैने मंच से ही इसका विरोध किया। यह मंच विमर्श के लिए था न कि एक व्यक्ति पर अशोभनीय टिप्पणी का। मैने मंच से ही यह ऐलान किया है कि इस पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर भारत सरकार को भेजूंगा। यह साहित्यिक कार्यक्रम था इसे राजनीतिक रूप देने की आवश्यकता नहीं थी। एक साहित्यकार को इस तरह के टिप्पणी शोभा नहीं देती है। डा. विशेष गुप्ता, प्राचार्य, एमएच पीजी कॉलेज मुरादाबाद

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