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विश्व बैंक की मदद से शासन ने शुरू की कूड़ा निस्तारण की कवायद

सालिड वेस्ट मैनेजमेंट लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है जल निगम की कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस को। नगर विकास सचिव ने जिला प्रशासन को पत्र भेज कर इसकी जानकारी दी है। जिला प्रशासन ने...

विश्व बैंक की मदद से शासन ने शुरू की कूड़ा निस्तारण की कवायद
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 11 Dec 2015 06:56 PM
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सालिड वेस्ट मैनेजमेंट लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है जल निगम की कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस को। नगर विकास सचिव ने जिला प्रशासन को पत्र भेज कर इसकी जानकारी दी है। जिला प्रशासन ने आगामी कार्रवाई के लिए कुछ दिनों में दूसरा शासनादेश आने की बात कही है।

शहर को गंदगी से मुक्त रखना नगर पालिका की मुख्य जिम्मेदारी है। इसके लिए सफाई अहम है। संसाधनों के अभाव में नगर पालिका अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी नहीं निभा पा रहा है। इससे शहर में हर रोज बढ़ रहे कूड़े को साफ करना और इसका निस्तारण नगर पालिका के एक बड़ी समस्या है। शहर से हर रोज उठने वाले कूड़े को नष्ट करने के लिए कोई व्यवस्था न होने से शहर के आस-पास इसके ढेर बढ़ते जा रहे हैं। इन ढेरों में कूड़ा सड़ रहा है और इससे भीषण दुर्गंध उठ रही है। इसके साथ ही इन ढेरों से निकल रही जहरीली गैसों से  शहर के आस-पास का पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है।

नगर निकायों को बढ़ते हुए प्रदूषण से बचाने के लिए अब विश्व बैंक की ओर से पहल हुई है। विश्व बैंक की मदद से प्रदेश के नगर निकायों में चरण वार तरीके से कूड़ा निस्तारण को सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लाट लगाए जाने हैं। यह प्लांट लगने से नगर निकायों को कूड़े की समस्या से निजात तो मिलेगा ही पर्यावरण को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा। विश्व बैंक की इस योजना में अपने जिले में भी यह प्लांट लगना है। इसके लिए नगर विकास सचिव ने जिला प्रशासन को पत्र भेजा है।

विश्व बैंक की टीम ने की थी जांच
शहर में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की जरूरत को लेकर यहां विश्व बैंक  की टीम भी जांच को पहुंची थी। टीम ने शहर में हर रोज पैदा होने वाले कूड़े की मात्रा और इसकी प्रकृति को लेकर अध्ययन किया था। इसके लिए उन्होंने शहर में जगह-जगह पढ़ने वाले कूड़े के ढेरों को देखा और इसकी जांच की। इसमें  उन्हें कई जगह मेडिकल वेस्ट भी मिला। उन्होंने शहर के ढलाव घरों की भी जांच की। इसमें भी उन्हें कूड़े में जहरीले तत्व होने का पता चला। कूड़े की जांच के बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट विश्व बैंक को सौंपी।

प्लांट लगने से देवहा व खकरा नदी का भी होगा उद्धार

नगर पालिका शहर से हर रोज 80 से 90 क्विंटल कूड़े की सफाई करती है। पालिका के पास स्थाई डलावघर की व्यवस्था न होने से इस कूड़े का भंडारण देवहा और खकरा नदियों के तटों पर होता है। पालिका वर्षों से शहर कूड़ा इन्हीं जगहों पर पहुंचाती है। इससे इन जगहों पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। इससे शहर की यह दोनों नदियां प्रदूषण का दंश झेल रही है। प्रदूषण के चलते इन नदियों का पानी भी जहरीला हो चुका है। विश्व बैंक की मदद से अगर शहर में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लग जाता है तो इससे नदियों को तो जीवनदान मिलेगा ही शहरवासियों को भी लगातार जहरीली होते जा रही आवोहवा से भी निजात मिल सकेगी।

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