मैट्रिक परीक्षा से एक रात पहले तक केंद्रों पर होती रही तैयारी
जिले के 57 केंद्रों पर 53,028 छात्र मैट्रिक की परीक्षा देंगे। बुधवार से होनेवाली परीक्षा के लिए प्रशासन और शिक्षा विभाग के दावों के विपरीत मंगलवार शाम तक केंद्रों पर बेंच-डेस्क और सीसीटीवी लगते...
जिले के 57 केंद्रों पर 53,028 छात्र मैट्रिक की परीक्षा देंगे। बुधवार से होनेवाली परीक्षा के लिए प्रशासन और शिक्षा विभाग के दावों के विपरीत मंगलवार शाम तक केंद्रों पर बेंच-डेस्क और सीसीटीवी लगते रहे।
सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम के बीच 35 केंद्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं। परीक्षा को कदाचारमुक्त करने के लिए शिक्षा विभाग हर स्तर पर तैयारी कर रहा है।
परीक्षा के लिए तैयारियां मंगलवार शाम तक चल रही थीं। केंद्रों पर बेंच-डेस्क मंगाए जा रहे थे तो सीसीटीवी लगाने का काम भी हो रहा था। मध्य विद्यालय रानी तालाब के हेडमास्टर श्री प्रकाश चौधरी शाम तक स्कूल में बेंच लगवा रहे थे।
वहीं बाल सुबोधिनी पाठशाला में भी देर शाम तक तैयारी को अंतिम रूप देने की कोशिश जारी थी। परीक्षा के लिए राजकीय कन्या उमावि में बने स्ट्रांग रूम में भी काम शाम तक चल रहा था। स्ट्रांग रूम के दो कमरों में कापियां रखी जाएंगी और दो कमरों में बार कोडिंग होगी।
छात्रों से पटा शहर, रिश्तेदारों के यहां ठहरे
मैट्रिक परीक्षा को लेकर छात्रों से शहर पट गया है। नवगछिया और आसपास के इलाकों से छात्र मंगलवार को भागलपुर पहुंचे। बस स्टैंड पर भी छात्रों की काफी भीड़ थी। डिक्शन मोड़ बस स्टैंड, तिलकामांझी बस स्टैंड में बड़ी संख्या में छात्र सामान और गैस चूल्हे के साथ उतर रहे थे।
शादी के लिए धर्मशालाएं बुक रहने के कारण बाहर से आने वाले छात्र दोस्तों व रिश्तेदारों के यहां रुके हैं। परबत्ती, विश्वविद्यालय, एसएम कालेज रोड में चलने वाले लाज में भी कई छात्र रुके हैं। परबत्ती इलाके के छात्रों ने बताया कि तीन दोस्त मिलकर 2000 रुपए में एक कमरा किराये पर लिया है। खाना बनाने के सामान घर से ही लाए थे।
सीसीटवी लगा पर नहीं है जेनरेटर
केंद्रों पर परीक्षा की निगरानी के लिए सीसीटीवी तो लगा दिए गए हैं लेकिन उसे लगातार चलाने के लिए जेनरेटर या इनवर्टर की व्यवस्था नहीं की गई है। इंटर परीक्षा की तरह ही बिजली कट जाने पर सारे सीसीटवी बंद हो जाएंगे। कई केंद्रों पर दो ही कैमरे लगे हैं तो निजी स्कूलों में सीसीटीवी रहते हुए भी लगाये गये हैं। डीईओ फूल बाबू चौधरी ने बताया कि निजी स्कूलों के सीसीटीवी का इस्तेमाल करने पर उसका किराया देना होगा। इसलिए अपनी व्यवस्था की जा रही है।
अपनी जेब से मंगा रहे बेंच डेस्क
पिछले साल हुई मैट्रिक परीक्षा में बेंच ढुलाई का पैसा कई केंद्राधीक्षकों को नहीं मिला है। कई केंद्राधीक्षक इसके लिए डीईओ से गुहार लगा चुके हैं। बाल सुबोधिनी पाठशाला के प्राचार्य डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि पिछले साल छह हजार रुपए लगाकर बेंच डेस्क मंगाए थे। इस बार भी अपना पैसा ही लगा रहे हैं। इसके अलावा कई अन्य केंद्राधीक्षकों ने भी इसकी शिकायत की है। केंद्राधीक्षकों ने कहा कि डीईओ से पैसा मांगने पर जवाब होता है कि बोर्ड से पैसा नहीं आया है।
ट्रेनिंग में सोते रहे वीक्षक
मैट्रिक परीक्षा के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने मंगलवार को सभी वीक्षकों को टाउन हाल में ट्रेनिंग दी। लेकिन इनमें ज्यादातर वीक्षक सो रहे थे तो कुछ बाहर टहल रहे थे। कुछ वीक्षकों का कहना था कि पता नहीं क्या समझा रहे हैं, कुछ पल्ले नहीं पड़ रहा है। ट्रेनिंग के दौरान डीईओ ने छात्रों से बेल्ट, जूते खुलवाने का निर्देश दिया। इसके अलावा सर्च प्रमाणपत्र के बारे में बताया। वीक्षकों को ओएमआर शीट भरने की भी ट्रेनिंग दी गई जो ज्यादातर को समझ नहीं आयी।
बच्चा छोटा, मुक्त करें ड्यटी से
इंटर परीक्षा के बाद मैट्रिक परीक्षा में भी महिला शिक्षक परीक्षा ड्यूटी से मुक्त होने का आवेदन शिक्षा विभाग के कार्यालय में दे रहीं थीं। महिला शिक्षकों का कहना था कि उनका बच्चा अभी छोटा है, उसे कौन संभालेगा। इसलिए परीक्षा से उन्हें मुक्त किया जाए।
अकबरनगर से आई मोनी कुमारी ने कहा कि मेरा सेंटर काफी दूर है, इसलिए उसे नजदीक कराने आई हूं। विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि सोमवार शाम एक दूसरे विभाग के अधिकारी कार्यालय पहुंच गए और पत्नी का नाम ड्यूटी से हटवाने के लिए हल्ला करने लगे। काफी मशक्कत के बाद उन्हें कार्यालय से बाहर किया गया।