इकलौता बारिश होने से बुझ गया घर का चिराग
अरमान के माता-पिता अस्पताल के बाहर पड़े अपने बेटे के जनाजे को देख दहाड़े मारकर रो रहे थे। अरमान की शादी पिछले साल ही हुई थी। सदर प्रखंड के बिलोरी पंचायत अंतर्गत ओफापुर निवासी व अरमान के माता पिता...
अरमान के माता-पिता अस्पताल के बाहर पड़े अपने बेटे के जनाजे को देख दहाड़े मारकर रो रहे थे। अरमान की शादी पिछले साल ही हुई थी।
सदर प्रखंड के बिलोरी पंचायत अंतर्गत ओफापुर निवासी व अरमान के माता पिता घटना की खबर पाकर सदर अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल पहंुचे परिजन ने सफेद चादर में लिपटे अरमान के जनाजे को देख दहाड़े मारने लगे।
माता पिता की बूढ़ी आंखें अपने बेटे की मौत की कशक बयां कर रहे थे। दरअसल ओफापुर निवासी बुद्धई मियां का अरमान इकलौता संतान था। मां बाप का एक मात्र सहारा था। शुक्रवार को वह सहारा भी छिन गया। गरीबी में जीवन गुजार रहे अरमान के पिता ने किसी तरह शहर में टायर में हवा भरने वाली एक छोटी सी दुकान शुरू की। रोजी रोटी की व्यवस्था की।
माता पिता को क्या मालूम था कि हवा टैंक एक दिन उन्हें उनके बेटे को छिन लेगा। एक ओर जुम्मे की नमाज पढ़ी जा रही थी उसी वक्त परिजन को शोक भरी खबर मिली। सदर अस्पताल से कोई एक किलोमीटर दूर ओफापुर गंाव में खबर पाकर अरमान के माता पिता दौड़े अस्पताल पहुंचे।
अस्पताल के बाहर ठेले पर पड़े बेटे का शव देख अपने को रोक पहीं पाए और जमीन पर लोटकर दहाड़े मारने लगे। बाप के कंधों पर बेटे का जनाजा उठते दिख सभी लोग स्तब्ध थे। एकमात्र कमाऊ बेटे की मौत पर माता पिता का रो रो कर बुरा हाल हो गया। जिला पार्षद नविता कुमारी ने अस्पताल जाकर मृतक के परिजन को ढांढ़स बंधाया।