पटल बाबू रोड : विजिलेंस की रडार पर एनएच के 10 अधिकारी-कर्मचारी
पटलबाबू रोड के निर्माण में बरती गई अनियमितता की जांच में एनएच विभाग के 10 अधिकारी और कर्मचारी विजिलेंस के रडार पर हैं। इसमें तीन कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, स्टीमेट अधिकारी, अकाउंटेंट और जेई भी...
पटलबाबू रोड के निर्माण में बरती गई अनियमितता की जांच में एनएच विभाग के 10 अधिकारी और कर्मचारी विजिलेंस के रडार पर हैं। इसमें तीन कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, स्टीमेट अधिकारी, अकाउंटेंट और जेई भी शामिल हैं।
विजिलेंस के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो एनएच के 10 अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ साक्ष्य के साथ कोर्ट में तय समय पर आरोप पत्र पेश किए जाएंगे और कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर की प्रक्रिया अपनायी जाएगी। इतना तय है कि एनएच के 10 अधिकारी-कर्मी कार्रवाई की जद में होंगे। विजिलेंस टीम को हाईकोर्ट ने चार सप्ताह का समय दिया है।
अब तक की जांच के दौरान पाया गया कि छह किमी के सड़क निर्माण में एनएच के अधिकारियों ने बनाए एस्टीमेट को भी फॉलो नहीं किया। एस्टीमेट के मुताबिक सड़क और नाले का निर्माण नहीं किया गया। इनमें नाले तो बने ही नहीं।
बड़ी पोस्टऑफिस के पास नहीं बनाया कलवर्ट
पटलबाबू रोड निर्माण के दौरान नाले साथ-साथ बड़ी पोस्ट ऑफिस के पास कलवर्ट भी बनना था, लेकिन इसे बनाए बिना ही सड़क निर्माण कर दिया गया। एस्टीमेट में इसका जिक्र था, मगर एजेंसी एनएच के अधिकारियों की मिलीभगत से जैसे-तैसे सड़क बनाकर निकल गयी।
तीन साल पहले ही पूरा भुगतान
जांच टीम को जो दस्तावेज हाथ लगे हैं, उसके मुताबिक फाइनल बिल का भुगतान मई 2017 में करना था, मगर 2014 में ही भुगतान कर दिया गया। नियमों के मुताबिक 2014 में 50 प्रतिशत राशि देनी थी। इसके बाद तीन साल मेंटेनेंस वर्क होना था। 2017 में काम पूरा होने के बाद एजेंसी की सिक्योरिटी मनी सहित पूरी राशि दी जाती। इसके बाद एकाउंट बंद किया जाता, मगर पहले ही ये सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गईं।