बिहारी लोकगीतों का नीदरलैंड में म्यूजिक के साथ फ्यूजन
रंग भीजे बलमुआ...कहां से आवेल पटना से आवेल....ठेठ भोजपुरिया माटी के गीत और धुन वेस्टर्न। जैज म्यूजिक और नीदरलैंड का मॉडर्न म्यूजिक। एक तरफ बिदेसिया और भिखारी ठाकुर के गीत गातीं निमिषा शंकर और विदेशी...
रंग भीजे बलमुआ...कहां से आवेल पटना से आवेल....ठेठ भोजपुरिया माटी के गीत और धुन वेस्टर्न। जैज म्यूजिक और नीदरलैंड का मॉडर्न म्यूजिक। एक तरफ बिदेसिया और भिखारी ठाकुर के गीत गातीं निमिषा शंकर और विदेशी बैंड-की-बोर्ड पर नीदरलैंड के हाइको डाइजर और उनके साथी।
बिहारी लोकगीतों को पाश्चात्य संगीत के साथ फ्यूजन करके नई पीढ़ी के लोगों के साथ विदेशों में लोकप्रिय बनाने की एक कोशिश। यह परिकल्पना बिहार की बेटी निमिषा शंकर ने की है। उसने एक नहीं बल्कि ढेर सारे बिहारी लोकगीतों का ऐसा ही फ्यूजन करके अलबम निकलने की ठानी है। इस अलबम की शूटिंग भी बिहार में होगी। इसमें कुछ लोकगीतों के फ्यूजन म्यूजिक का नीदरलैंड के संगीतज्ञों के साथ वे मुजफ्फरपुर में लाइव शो कर चुकी हैं। संगीतप्रेमियों के जबरदस्त रिस्पांस ने निमिषा के हौसले को बुलंद कर दिया है।
पटना में लाइव शो की इच्छा
लोकगायिका स्व.विंध्यवासिनी देवी की शिष्या पुष्पा प्रसाद की सुपुत्री निमिषा गायन के साथ डांस भी करती हैं। कुछ फिल्मों में भी काम करने के साथ अंधेबच्चों के साथ म्यूजिक कंसर्ट भी कर चुकी हैं। निमिषा शंकर ने ‘हिन्दुस्तान‘ के साथ खास बातचीत में बताया कि नीदरलैंड के गायकों के साथ बिहारी लोकगीतों के फ्यूजन का लाइव शो पटना सहित अन्य शहरों में करना चाहती हैं।
सरकार करे मदद
इसी तरह बिहारी लोक कलाकारों के दल के साथ विदेशों खासकर मॉरीशस, नीदरलैंड, सुरीनाम,जमैका, त्रिनिदाद आदि देशों में लाइव शो करने की योजना बनायी है। पर इस काम को अकेले अपने बूते करना संभव नहीं हैं। इसमें राज्य सरकार और सामाजिक संगठनों की मदद की दरकार है। वह चाहती हैं कि इन बिहारी लोकगीतों के जरिए मॉरीशस, सूरीनाम, नीदरलैंड, गुयाना, त्रिनिदाद में बसे बिहारी मूल के लोगों को उनकी माटी से जोड़ा जाए।
कई देशों में कर चुकी हैं परफॉर्म
इसके पहले वे अपनी मां लोकगायिका पुष्पा प्रसाद और दो बड़ी बहनों के साथ सूरीनाम, जमैका, अफ्रीका आदि देशों में परफार्म कर चुकी हैं। इस दौरान सीता स्वयंवर, बिदेसिया गीतों की प्रस्तुति को लोगों ने काफी पसंद किया था। वैसे उन्हें जैज,इलेक्ट्रानिक और वेस्टर्न म्यूजिक काफी पसंद है। वे चाहती हैं कि बिहारी लोकगीतों को भी विदेशों में लोग इसी तरह पसंद करें। इससे बिहार की छवि विदेशों में अलग तरह की बनेगी।