बेनामी संपत्ति पर आयकर सख्त: 230 केस दर्ज, 55 करोड़ की संपत्ति कुर्क
नोटबंदी के बाद नए बेनामी लेनदेन कानून के तहत आयकर विभाग ने 235 मामले दर्ज किए हैं। इस दौरान देशभर में करीब 55 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की गई है। यह कानून पिछले साल एक नवंबर से प्रभावी हुआ था।...
नोटबंदी के बाद नए बेनामी लेनदेन कानून के तहत आयकर विभाग ने 235 मामले दर्ज किए हैं। इस दौरान देशभर में करीब 55 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की गई है। यह कानून पिछले साल एक नवंबर से प्रभावी हुआ था। नए कानून में भारी जुर्माने के साथ-साथ सात साल कैद की सजा का भी प्रावधान है।
#IncomeTax dept registers over 230 cases across the country under new #BenamiTransactionsAct; attaches assets worth Rs 55 crore.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 22, 2017
आयकर विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग ने फरवरी के मध्य तक नए कानून के तहत 235 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से 140 मामलों में कुर्की के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन मामलों में 200 करोड़ रुपये की संदिग्ध संपत्ति का खुलासा हुआ है। जबकि 124 मामलों में 55 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां अस्थायी तौर पर कुर्क की गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों में बैंक खातों में जमा राशि, कृषि और अन्य जमीन, फ्लैट और आभूषण शामिल हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने सार्वजनिक विज्ञापन जारी कर लोगों को चेताया था कि वे पुराने नोट में अपनी बेनामी नकदी किसी अन्य के बैंक खाते में जमा न कराएं। विभाग ने कहा था कि इस तरह की किसी गतिविधि में बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून, 1988 के तहत आपराधिक मामला दायर किया जाएगा। यह चल और अचल संपत्ति दोनों के लिए होगा। देश में इस कानून को लागू करने के लिए आयकर विभाग नोडल एजेंसी है।
क्या है बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम
बेनामी संपत्ति वह है जिसकी कीमत किसी और ने चुकाई हो किन्तु नाम किसी दूसरे व्यक्ति का हो। यह संपत्ति पत्नी, बच्चों या किसी रिश्तेदार के नाम पर खरीदी गई होती है। जिसके नाम पर ऐसी संपत्ति खरीदी गई होती है, उसे 'बेनामदार' कहा जाता है। बेनामी संपत्ति चल या अचल संपत्ति या वित्तीय दस्तावेजों के तौर पर हो सकती है। कुछ लोग अपने काले धन को ऐसी संपत्ति में निवेश करते हैं जो उनके खुद के नाम पर ना होकर किसी और के नाम होती है। ऐसे लोग संपत्ति अपने नौकर, पत्नी-बच्चों, मित्रों या परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से खरीदते लेते हैं। अगर किसी ने अपने बच्चों या पत्नी के नाम संपत्ति खरीदी है लेकिन उसे अपने आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया तो उसे बेनामी संपत्ति माना जायेगा।
कानून में क्या है सजा
इस नए कानून के अन्तर्गत बेनामी लेनदेन करने वाले को 3 से 7 साल की जेल और उस प्रॉपर्टी की बाजार कीमत पर 25 प्रतिशत जुर्माने का प्रावधान है। अगर कोई बेनामी संपत्ति की गलत सूचना देता है तो उस पर प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत तक जुर्माना और 6 महीने से 5 साल तक की जेल का प्रावधान रखा गया है। इनके अलावा अगर कोई ये सिद्ध नहीं कर पाया की ये सम्पत्ति उसकी है तो सरकार द्वारा वह सम्पत्ति जब्त भी की जा सकती है।
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