इंटरनेट पर ट्रैफिक का ये फंडा जानकर चौंक जाएंगे आप
एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंटरनेट के धीमे कनेक्शन के लिए इंसानों से ज्यादा वेब बोट जिम्मेदार हैं। वैश्विक स्तर पर इंटरनेट से संबंधित अध्ययन करने और आंकड़े जुटाने वाली वेब सिक्योरिटी फर्म...
एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंटरनेट के धीमे कनेक्शन के लिए इंसानों से ज्यादा वेब बोट जिम्मेदार हैं। वैश्विक स्तर पर इंटरनेट से संबंधित अध्ययन करने और आंकड़े जुटाने वाली वेब सिक्योरिटी फर्म ‘इंपर्वा इन्कैप्सूला’ की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरनेट पर आधे से ज्यादा, यानी 51.8 फीसदी ट्रैफिक वेब बोट बढ़ाते हैं। जबकि करीब 48.2 फीसदी ऑनलाइन ट्रैफिक इंसानों की वजह से होता है।
इंपर्वा इन्कैप्सूला की रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट का ट्रैफिक बढ़ाने में अच्छे और बुरे (गुड एंड बैड) दोनों प्रकार के बोट शामिल हैं। इंटरनेट ट्रैफिक बढ़ाने में अच्छे बोट के मुकाबले बुरे बोट का योगदान कहीं अधिक है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि 22.9 फीसदी ट्रैफिक अच्छे बोट के कारण बढ़ता है, जबकि इंटरनेट पर 28.9 फीसदी ट्रैफिक बढ़ाने के लिए बुरे बोट जिम्मेदार हैं। इनमें से 24.3 फीसदी ऐसे बुरे बोट हैं जो अपनी पहचान छुपाकर सुरक्षा में सेंध लगाते हैं और यूजर की व्यक्तिगत जानकारियां चुराने की कोशिश करते हैं। बुरे बोट यानी दोषपूर्ण बोट हैकिंग, साइबर अपराध, चोरी जैसे दूसरे आपत्तिजनक कार्यों को अंजाम देने के लिए डिजाइन किए जाते हैं।
क्या है वेब बोट
वेब बोट दरअसल इंटरनेट पर काम करने के लिए डिजाइन किए गए विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते हैं। ये सॉफ्टवेयर स्वचालित रूप से बैकग्राउंड में रहकर इंटरनेट पर काम करते हैं और यूजर द्वारा खोजी गई जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करते हैं। इन सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स को कंप्यूटर की आम बोलचाल की भाषा में बोट कहा जाता है। ये दो तरह के होते हैं। अच्छे और बुरे बोट। अच्छे बोट गूगल सर्च रिजल्ट को रैंक करने, फेसबुक फीड को रिफ्रेश करने, वेबसाइट को स्क्रॉल करने आदि कार्यों में मदद करते हैं। जबकि बुरे बोट यूजर और वेबसाइट को धोखा देकर कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर, डाटा, वेब पेज आदि पर हमला करते हैं उसे हानि पहुंचाने का प्रयास करते हैं। गूगल बोट, फेसबुक मोबाइल एप बोट, सर्च इंजन बोट, वैब क्रॉलर, चैट रूम, एंड्रॉयड फ्रेमवर्क बोट आदि अच्छे बोट के उदाहरण हैं, जबकि विभिन्न तरह के वायरस, स्पैम, पासवर्ड क्रैकर, ट्रोजव निटोल, मिराई और दूसरे हैकिंग टूल्स को बुरे बोट की श्रेणी में रखा जाता है।
नई वेबसाइट पर अधिक ट्रैफिक
इंपर्वा इन्कैप्सूला के इस सर्वे में दुनियाभर के 1700 करोड़ से अधिक वेबसाइट से जुड़े एक लाख से अधिक डोमेन पर अध्ययन किया गया। सर्वे में पाया गया कि अध्ययन में शामिल एक लाख डोमेन में से 94 फीसदी डोमेन पर 90 दिनों में कम से कम एक बार बुरे बोट का हमला हुआ। इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि तुरंत शुरू हुए वेबसाइट पर बुरे और अच्छे दोनों प्रकार के बोट अधिक ट्रैफिक बढ़ाते हैं, खासकर छोटे वेबसाइट पर। नई छोटी वेबसाइटों पर 93 फीसदी ट्रैफिक के लिए वेब बोट जिम्मेदार होते हैं। इन पर 47.7 फीसदी बुरे बोट जबकि 45.7 फीसदी अच्छे बोट का ट्रैफिक होता है। वहीं बड़ी और मशहूर वेबसाइट पर औसतन 21 फीसदी बुरे बोट और 17 फीसदी अच्छे बोट ट्रैफिक बढ़ाते हैं।