उत्तराखंड में 1910 सरकारी स्कूल हो जाएंगे बंद, जानिए क्यों
उत्तराखंड सरकार ने 1910 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने ज्यादातर स्कूलों को ब्योरा जुटा लिया है। इन स्कूलों को बंद करके...
उत्तराखंड सरकार ने 1910 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने ज्यादातर स्कूलों को ब्योरा जुटा लिया है। इन स्कूलों को बंद करके एक तय दूरी पर जगह-जगह आवासीय स्कूल खोले जाएंगे। आवासीय स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक भी होंगे और बेहतर संसाधन भी।
मंगलवार को बेसिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने ननूरखेड़ा स्थित सीमेट कार्यालय में शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। ज्यादातर जिलों ने स्कूल और छात्र संख्या का ब्योरा सौंप दिया है। इन आंकड़ों की समीक्षा की जा रही है। कुछ समय पहले शिक्षा मंत्री ने 10 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने के निर्देश दिए थे। दरअसल, राज्य में 1900 से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं जहां छात्र संख्या 10 भी नहीं है। पर, इन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम नहीं है। छात्र संख्या कम होने से शिक्षकों की योग्यता का भी समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है और सरकार पर भी ये स्कूल बड़ा आर्थिक बोझ बन चुके हैँ। इन शिक्षा मंत्री का कहना है कि इन स्कूलों की जगह सभी सुविधाओं से युक्त पांच-सात सौ आवासीय स्कूल भी खोल दिए जाएं तो मौजूदा खर्च में ही स्कूलों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षक और संसाधन मुहैया कराए जा सकते हैँ।
मॉडल स्कूल बनाएंगे
सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता और संसाधनों को बेहतर बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इन स्कूलों को बंद करने के बाद जो आवासीय स्कूल बनेंगे, उनमें इन्हीं स्कूलों के छात्रों को प्राथमिकता से लिया जाएगा। उनके बाद अन्य छात्रों की बारी आएगी। ये आवासीय स्कूल मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किए जाएंगे।
- अरविंद पांडे, विद्यालयी शिक्षा मंत्री