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तिवारी का मुकाबले करेंगे आप के दर्जनों पूर्वांचली नेता

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का मुकाबला करने के लिए आम आदमी पार्टी ने दर्जनभर पूर्वांचली नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारने का निर्णय लिया है। इनमें आप के संगठन से जुड़े...

तिवारी का मुकाबले करेंगे आप के दर्जनों पूर्वांचली नेता
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 18 Apr 2017 01:08 PM
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दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का मुकाबला करने के लिए आम आदमी पार्टी ने दर्जनभर पूर्वांचली नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारने का निर्णय लिया है। इनमें आप के संगठन से जुड़े नेता, मंत्री और कई विधायक शामिल हैं। किस नेता को कौन से वार्ड में चुनाव प्रचार करने की जिम्मेदारी मिलेगी, यह तय कर लिया गया है। इस सप्ताह के अंत तक ये सभी नेता पूर्वांचली वोटरों के बीच में पहुंच जाएंगे।

बता दें कि जन-लोकपाल आंदोलन के समय से ही पूर्वांचली समुदाय से जुड़े अनेक लोगों ने अरविंद केजरीवाल को समर्थन दिया था। उसके बाद जब आप का गठन हुआ तो उसमें भी पूर्वांचल के लोगों को कई अहम पद मिले थे। विधानसभा चुनाव में दर्जनभर विधायक ऐसे थे, जो सीधे तौर पर पूर्वांचल से जुड़े रहे हैं। इनमें आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह, दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय, आप की दिल्ली इकाई के संयोजक दिलीप पांडे, मंत्री कपिल मिश्रा, वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक, विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और संजीव झा सहित कई नेता शामिल हैं। इन सभी नेताओं का पूर्वांचली समुदाय में खासा असर माना जाता है।

भाजपा ने जब से मनोज तिवारी को दिल्ली की कमान सौंपी है, तब से आप को यह भय सताने लगा था कि अब तिवारी पूर्वांचल से जुड़े वोट बैंक में भारी सेंध लगा सकते हैं। भले ही मनोज तिवारी दिल्ली के लिए नए हैं, लेकिन पूर्वांचल के लोग उन्हें बतौर फिल्मी कलाकार और एक गायक के नाते लंबे समय से जानते हैं। तिवारी की यही खासियत वहां के लोगों को आज भी उनके पास खींच लाती है। इसका तोड़ निकालने के लिए आप ने पूर्वांचल के मंत्री और विधायकों को चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। ये सभी नेता लोगों के घर-घर जाकर आप के लिए वोट मांगेंगे। आप के नेताओं का कहना है कि मनोज तिवारी को यहां रहने वाले पूर्वांचली समुदाय की समस्याओं की समझ नहीं है।

दूसरी तरफ आप के नेता लंबे समय से दिल्ली रह रहे हैं। उम्मीद है कि इसका फायदा आप को मिलेगा। इसके बावजूद आप निगम चुनाव में किसी भी तरह का जोखिम मोल नहीं लेना चाहती। आप ने करीब 30-35 फीसदी की जनसंख्या वाले इस समुदाय के दर्जर्नो लोगों को निगम चुनाव में टिकट दिया है।

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