जेएनयू की प्रवेश नीति के समर्थन वाले स्थगन आदेश की अदालत ने मियाद बढ़ायी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के एमफिल और पीएचडी पाठयक्रमों की प्रवेश नीति को लेकर एकल न्यायाधीश द्वारा दिये गये आदेश को 27 जुलाई तक के लिये बढ़ा दिया है। एकल...
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के एमफिल और पीएचडी पाठयक्रमों की प्रवेश नीति को लेकर एकल न्यायाधीश द्वारा दिये गये आदेश को 27 जुलाई तक के लिये बढ़ा दिया है। एकल न्यायाधीश ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के आधार पर इन पाठयक्रमों में प्रवेश को मंजूरी दी थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की एक पीठ ने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2017-18 में एमफिल और पीएचडी पाठयक्रमों में प्रवेश याचिका के अंतिम फैसले के अधीन होगा। पीठ ने कहा, अंतरिम आदेश जारी रहेगा। इन पाठयक्रमों में प्रवेश रिट याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होगा। अदालत ने इस मामले में पक्षों से अपना लिखित जवाब देने को कहा है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को तय की है। यूजीसी के जुलाई 2016 के नियम ने भारत के सभी विश्वविद्यालयों में एमफिल और पीएचडी पाठयक्रमों में प्रति प्रोफेसर-सुपरवाइजर छात्रों की संख्या निर्धारित कर दी थी।