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यूपी: कार का शीशा तोड़कर निर्भया कांड से जुड़ी फाइल चोरी

रिश्तेदार की शादी में परिवार समेत शिरकत करने अमरोहा आए सुप्रीम कोर्ट के वकील की कार का शीशा तोड़कर चोर ने उनकी मां की सोने की चूड़ी, एक हजार रुपया, दो मोबाइल व निर्भया कांड से संबंधित फाइल व कागजात...

यूपी: कार का शीशा तोड़कर निर्भया कांड से जुड़ी फाइल चोरी
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Feb 2017 07:56 PM
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रिश्तेदार की शादी में परिवार समेत शिरकत करने अमरोहा आए सुप्रीम कोर्ट के वकील की कार का शीशा तोड़कर चोर ने उनकी मां की सोने की चूड़ी, एक हजार रुपया, दो मोबाइल व निर्भया कांड से संबंधित फाइल व कागजात चोरी कर लिए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

नई दिल्ली की एफए 329 मानसरोवर गार्डन रिंग रोड निवासी वकील एपी सिंह जिले के गंगेश्वरी गांव में भाकियू के ब्लाक अध्यक्ष महेश ठाकुर के बेटे की शादी में आए थे। गुरुवार रात को शादी का कार्यक्रम नगर के नुमाइश ग्राउंड के बगल में स्थित मैथिली गार्डन बैंक्वेट हाल में था। एपी सिंह का कहना है कि गुरुवार रात वह परिवार समेत शामिल में होने आए थे। उन्होंने अपनी कार लॉक करते हुए नुमाइश ग्राउंड में खड़ी कर दी थी। 
शुक्रवार सुबह देखा तो कार का पीछे की साइड का शीशा टूटा हुआ था। गाड़ी के अंदर रखे मां के पर्स से उनकी दो छोटी सोने की चूड़ी, खुले हजार रुपये, दो मोबाइल, घर व आफिस की चाबी के गुच्छे, निर्भया केस से संबंधित मुकदमे की फाइल, अपील, शपथपत्र, ओरिजनल कागजात, डायरी व दवा का पैकेट चोरी हो गए थे। चोरी गई सोने की चूड़ियों की कीमत 40 हजार रुपये बताई गई है। कोतवाल अनिल समानिया ने बताया कि तहरीर के मुताबिक मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। 

निर्भया कांड के आरोपियों के हैं वकील
हसनपुर। वकील एपी सिंह ने फोन पर बताया कि वह निर्भया कांड के आरोपी अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता व विनय शर्मा पक्ष के वकील हैं। जेल में बंद तीनों आरोपियों को फांसी की सजा से बचाने के लिए वह अदालत में पुरजोर पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चोरी गई फाइल में तीनों आरोपियों के आचरण व शैक्षिक तथा मूल निवास संबंधी मूल अभिलेख हैं। 

16 दिसंबर 2012 को हुआ था निर्भया कांड
हसनपुर। 16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में भौतिक चिकित्सका की प्रशिक्षणार्थी निर्भया से बस में सफर के दौरान सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। गंभीर हालत में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से 26 दिसंबर 2012 को उसे सिंगापुर ले जाया गया था। वहां तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। इस शर्मनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। एक नाबालिग समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें परीक्षण अवधि के दौरान अभियुक्त राम सिंह की मृत्यु हो गई थी। अदालत ने नाबालिग दोषी को तीन वर्ष के लिए बाल सुधार गृह भेजने जबकि, बाकी को मौत की सजा सुनाई थी।

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