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मशहूर संगीतकार आदेश श्रीवास्तव नहीं रहे

कैंसर से पीड़ित संगीतकार आदेश श्रीवास्तव का देर रात यहां निधन हो गया। वह 51 वर्ष के थे। आदेश पिछले करीब 40 दिनों से अंधेरी के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में कैंसर के इलाज के लिए भर्ती...

मशहूर संगीतकार आदेश श्रीवास्तव नहीं रहे
एजेंसीSat, 05 Sep 2015 12:45 PM
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कैंसर से पीड़ित संगीतकार आदेश श्रीवास्तव का देर रात यहां निधन हो गया। वह 51 वर्ष के थे। आदेश पिछले करीब 40 दिनों से अंधेरी के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में कैंसर के इलाज के लिए भर्ती थे।

कोकिलाबेन अस्पताल के डा राम नारायण ने कहा कि 51 वर्षीय आदेश श्रीवास्तव का देर रात करीब साढ़े 12 बजे कोकिलाबेन अस्पताल में कैंसर के चलते निधन हो गया।

आदेश ने चलते चलते, बाबुल, बागवान, कभी खुशी कभी गम, राजनीति जैसी कई चर्चित फिल्मों में संगीत दिया था।

कैंसर से पहले ऐसी थी आदेश की जिंदगी

आदेश ने बॉलीवुड को कई सुपरहिट गाने दिए, लेकिन उनके दर्द भरे गानों ने उन्हें ऊचांइयों तक पहुंचाया। आदेश कुछ समय पहले ही अमेरिका से अपना इलाज कराकर लौटे थे। यहां से आकर फिर काम की शुरुआत की सोच रहे थे, लेकिन 10 दिन बाद ही उन्हें फिर कैंसर हो गया।

4 सितंबर 1966 को जबलपुर में जन्मे आदेश को पहला ब्रेक साल 1993 में आई फिल्म कन्यादान से मिला। 1994 में 'आओ प्यार करें' के संगीत से उन्होंने बतौर संगीतकार फिल्म जगत में कदम रखा। कुछ ही समय बाद आदेश एक यंग और काबिल म्यूजिक कम्पोजर और सिंगर के तौर पर अपनी पहचान बनाने में सफल रहे। आदेश शुरू से ही मल्टी-टेलेंटेड थे और इसी वजह से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करने मौका भी मिला।

फिर उन्होंने बॉलीवुड के साथ-साथ हॉलीवुड में गाने की शुरुआत भी की। मशहूर हॉलीवुड और पॉप सिंगर्स के साथ कई दफा स्टेज शेयर भी किया है। शकीरा हों यौ फिर एकॉन उन्हें कई हस्तियों के साथ गाने का मौका मिला। वे मशहूर टीवी शो 'सारेगामापा' में एक जज के तौर पर भी नजर आए। लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने रिएलिटी शो में जाना बंद कर दिया। उनका मानना था कि ऐसे इन टीवी शो में पारदर्शिता नहीं होती।

आदेश को असली पहचान साल 2000 में आई 'रिफ्यूजी' से मिली। इस फिल्म में संगीत देने के लिए उन्हें आइफा अवॉर्ड मिला। इसके बाद 'रहना है तेरे दिल में (2001)' 'कभी खुशी कभी गम (2001)', 'बागबान (2003)' और 'राजनीति (2010) ' में उनका तैयार किया गया म्यूजिक बेहद लोकप्रिय हुआ।

ऐसे की थी शुरुआत

आदेश श्रीवास्तव ने एक छोटे से शहर से अपना सफर शुरू किया था। उनका जन्म मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था। उनके पिता रेलवे में सुपरिटेंडेंट और मां एक कॉलेज में लेक्चरार थीं। संगीत में रुचि होने की वजह से आदेश ने बचपन से संगीत की दुनिया में कदम रख दिया था। उन्हें स्कूल-कॉलेज में जब कभी संगीत प्रदर्शन और सीखने का कोई मौका मिलता फौरन वहां पहुंच जाते। आदेश ने जतिन ललित की बहन अभिनेत्री विजेता पंडित से शादी की। इनके अवितेश और अनिवेश नाम के दो बेटे भी हैं।

आदेश के करियर ने अभी पूरी तफ्तार भी नहीं पकड़ी थी कि उनकी जिंदगी को बड़ा झटका लगा। 2011 में आदेश को पता चला कि उन्हें ब्लड कैंसर है। पहली बार कैंसर का पता लगने के बाद आदेश ने कहा था कि एकदम से बीमार पड़ना बहुत कष्ट भरा है। जिन लोगों के साथ मैंने बरसों काम किया उनके ठंडे रुख ने मुझे इस बीमारी से ज्यादा तकलीफ पहुंचाई है। जब मैं बीमार हुआ तो कोई मुझसे मिलने नहीं आया।

महंगी कारों के थे शौकीन

असल में आदेश ड्राइविंग के शौकीन थे। वह अक्सर अलग-अलग गाड़ियां ड्राइव करते हुए नजर आते थे। उन्होंने हमर और बैंटली ड्राइव करते हुए अपनी फोटो भी फेसबुक पर शेयर की हैं।

लेकिन इलाज के लिए बेचनी पड़ी मनपसंद कारें

साल 2011 में आदेश को कैंसर की बीमारी का पता चला तो अचानक से आदेश बिल्कुल अकेले पड़ गए। दुर्भाग्य से उन दिनों आदेश के पास ज्यादा पैसे भी नहीं थे। तब इलाज के लिए उन्होंने अपनी महंगी कारें बेच दीं। इसी तरह के हालत इस बार फिर बन गए थे। जब उन्हें रोज 12-12 लाख की इंजेक्‍शन लगाने पड़ रहे थे।

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