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नृत्य गोपाल दास ने परिक्रमा के लिए रवाना किया संतों को

श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी महंत नृत्य गोपाल दास ने यहां कहा कि पंचकोसी, 14 कोसी या फिर चौरासी कोसी परिक्रमा सभी भक्तों के उद्धार तथा भगवद् प्राप्ति का माध्यम है। अयोध्या के...

नृत्य गोपाल दास ने परिक्रमा के लिए रवाना किया संतों को
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 11 Apr 2017 06:33 PM
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श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी महंत नृत्य गोपाल दास ने यहां कहा कि पंचकोसी, 14 कोसी या फिर चौरासी कोसी परिक्रमा सभी भक्तों के उद्धार तथा भगवद् प्राप्ति का माध्यम है। अयोध्या के चौरासी कोस में स्थापित अनेक धार्मिक एवं पौराणिक तीर्थ हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखे हुये हैं। इनके दर्शन पूजन से भक्तों को अलौकिक शक्ति प्राप्त होती है। इस परम्परागत परिक्रमा और तीर्थ का संरक्षण संवर्धन आवश्यक है।

श्री दास हनुमान मंडल के संयोजन में 11अप्रेल से 3 मई तक चलने वाली चौरासी कोसी परिक्रमा को रवाना करते हुए अपने विचार उपस्थित परिक्रमार्थियों के बीच प्रकट कर रहे थे। उन्होंने कहा देवदर्शन बड़े ही कठिनाइयों से प्राप्त होता है। जप, तप, परिक्रमा आदि इसके माध्यम हैं। परिक्रमा अयोध्या के धार्मिक स्वरूप को जीवंतता प्रदान करती है।

कार्तिक माह में पंचकोसी और चौदहकोसी परिक्रमा में लाखों भक्त अयोध्या पहुंच कर इस पवित्र भूमि की परिक्रमा करके इसके ‘रज को मस्तक पर ग्रहण करते हुये ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा निवेदित करते हैं।

उन्होंने कहा लेकिन अयोध्या चौदह कोस में ही सीमित नहीं है, इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक सीमा तो चौरासी कोस में है। जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है। उन्होंने कहा अयोध्या की चौरासी कोस की परिक्रमा भी होती है। यह जानकारी भी सीमित लोगों तक ही रही। विगत वर्ष 2013 में विहिप और संतों ने इसका सम्पूर्ण देश में प्रचार-प्रसार किया।

उन्होंने कहा हम यह कभी नहीं भूलेंगे कि इस धार्मिक और सांस्कृतिक परिक्रमा को पूर्ववर्ती अखिलेश यादव की सरकार ने प्रतिबंधित कर संतों और विहिप कार्यकर्ताओं को कारागार में डाल कर इसको देश भर में प्रचारित करा दिया।

उन्होंने प्रदेश और केन्द्र सरकार से मांग की कि वृंदावन और कामदगिरी की भांति ही अयोध्या की इस चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले एतिहासिक पौराणिक स्थलों का जीर्णोद्धार करके इसे तीर्थाटन केन्द्र के रूप में विकसित करें, ताकि अयोध्या आने वाले भक्त इसका भी दर्शन कर सकें।

उन्होंने विहिप के प्रयास को प्रशंसनीय बताते हुये कहा कि हनुमान मंडल के बैनर तले निकल रही यह परिक्रमा सामाजिक तथा धार्मिक वातावरण को विस्तार प्रदान करते हुये भविष्य में व्यापक स्वरूप ग्रहण कर लेगी।

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