चोरी के इरादे से घर में घुसे युवकों ने हमलाकर चलाई गोली
शहर के मीट विक्रेता रोजाना की तरह सोमवार को भी अपने काम में मशगूल थे। प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर उनका रुख साफ था। उनका कहना था कि वे हड़ताल नहीं करेंगे जो नियम बनाए गए हैं उनका पालन किया...
शहर के मीट विक्रेता रोजाना की तरह सोमवार को भी अपने काम में मशगूल थे। प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर उनका रुख साफ था। उनका कहना था कि वे हड़ताल नहीं करेंगे जो नियम बनाए गए हैं उनका पालन किया जाएगा।
उधर, शहर के कई हिस्सों में मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए सैकड़ों की संख्या में मुर्गा विक्रेता बिना लाइसेंस के ही चिकन बेचते दिखे।
मीट विक्रेताओं का कहना है कि जो आदेश हैं उसका पालन शुरू से किया जा रहा है लेकिन प्रशासन का सहयोग न मिलने से दिक्कत आ रही है। विक्रेताओं का कहना है कि उनके पास 2012 तक नगर-निगम का लाइसेंस था। दोबारा जब नवीनीकरण कराने गए तो वहां से खाद्य विभाग भेज दिया गया। वहां पहुंचे तो बताया कि नगर-निगम से ही लाइसेंस जारी होगा। दोनों विभाग के चक्कर लगाते रहे लेकिन नवीनीकरण नहीं हुआ। लिहाजा बिना लाइसेंस के ही दुकान चला रहे हैं। अगर प्रशासन सहयोग करे तो सभी विक्रेता लाइसेंस बनवाने के लिए तैयार हैं।
उनका कहना है कि यही उनकी रोजी-रोटी है ऐसे में शासन-प्रशासन से जो भी निर्देश मिलेगा उसका पालन किया जाएगा।
एक नजर में मीट बाजार
शहर में मुर्गे की दुकानों की संख्या---करीब 3200
मीट विक्रेताओं की संख्या--------करीब 700