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प्रेरणा के लिए

जापानी गुरु रूह्यो ओकावा ने अपनी किताब ऐन अनशेकेबल माइंड  में लिखा है कि सफल व्यक्ति की अपनी विशेष जीवन शैली और कार्य शैली होती है। इसका वह दृढ़ता से पालन करता है। वह अपने आस-पास के वातावरण,...

प्रेरणा के लिए
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 05 Oct 2015 09:29 PM
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जापानी गुरु रूह्यो ओकावा ने अपनी किताब ऐन अनशेकेबल माइंड  में लिखा है कि सफल व्यक्ति की अपनी विशेष जीवन शैली और कार्य शैली होती है। इसका वह दृढ़ता से पालन करता है। वह अपने आस-पास के वातावरण, लोगों और प्रकृति से हर क्षण प्रेरणा लेता है। वह कठिन परिस्थिति से भी प्रेरणा लेकर अपने जीवन की आगे की योजनाओं को बढ़ाता है।

रूह्यो ओकावा का मानना है कि हमारे जीवन में प्रेरणा सिर्फ कामयाबी या जीत के लिए नहीं है, बल्कि पूर्णता के एहसास को जीना भी है। यह एहसास आत्मसंतुष्टि, आत्मविश्वास और आत्मसम्मान देता है। इसके लिए दो बातें जरूरी हैं- पहली मान्यता और दूसरी जिम्मेदारी का एहसास। प्रेरणा से आपके अंदर उत्साह आता है और आप काम पूरा करने के लिए जी-जान लगा देते हैं।

शुरुआती सफलता के बाद दिशाहीन होने की बजाय अपनी चुनी हुई राह पर आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास की जरूरत पड़ती है। प्रेरित होकर काम करना थकाऊ  और तनावपूर्ण होता है। सफलता की यात्रा में कई प्रतिद्वंद्वी भी मिलते हैं। एडमंड बर्क के शब्दों में- हमारा प्रतिद्वंद्वी ही हमारा सच्चा सहायक है। प्रतिद्वंद्वी से प्रेरित होकर हम ऊपरी धरातल को ही नहीं, बल्कि गहराई को छूने के भी काबिल बनते हैं।

यह भी सच है कि अपनी असफलताओं से प्रेरणा ली जा सकती है। मैडम क्यूरी, अलेक्जेंडर फ्लेमिंग, गैलिलियो, सर एडमंड हिलेरी जैसे लोगों ने अपनी नाकामियों से पे्ररणा लेकर अपने को सफल बनाया। शायद इसलिए स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि असफलताएं कभी-कभी सफलता का आधार होती हैं। अगर हम अनेक बार असफल होते हैं, तब भी कोई बात नहीं। कोशिश करके असफल हो जाने की अपेक्षा कोशिश न करना अधिक अपमानजनक है। वास्तव में, सारी विफलताएं दरकिनार हो जाती हैं, जब आप जीत जाते हैं, क्योंकि जो जीतता है, वही सिकंदर कहलाता है।
 शशिप्रभा तिवारी

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